Edited By ,Updated: 11 Mar, 2016 04:47 PM
हर महिला मां बनने का अनमोल सुख पाना चाहती है और उससे भी ज्यादा वह चाहती हैं कि वह स्वस्थ बच्चे को जन्म दें। अगर महिला मिर्गी की रोगी हो अौर...
हर महिला मां बनने का अनमोल सुख पाना चाहती है और उससे भी ज्यादा वह चाहती हैं कि वह स्वस्थ बच्चे को जन्म दें। अगर महिला मिर्गी की रोगी हो अौर वह डॉक्टर की सलाह से दवा लें रही है तो एेसे में महिला उचित देखभाल और योग्य उपचार से वह एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती है। इसके लिए मिर्गी के रोगी को गर्भावस्था में ये कुछ सावधानियां रखनी चाहिएं। तो आइए जानें इन सावधानियों के बारे में।
- स्थिति का पता लगना
मिर्गी के दौरे को डॉक्टर अपनी भाषा में "टॉक्सीमिया ऑफ प्रेग्नेंसी" कहते हैं। जब किसी गर्भवती महिला की पहनी हुई अंगूठी उंगली में कसने लगे तो इसका मलतब हैं कि महिला को मिर्गी का दौरा पड़ने वाला है।
- गर्भ धारण
अगर महिला मिर्गी की रोगी है तो एेसे में उसे गर्भ धारण करने में कोई परेशानी नहीं है। इसलिए वह डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा खाएं ताकि बच्चे पर किसी तरह का कोई असर न पड़े।
- जांच कराना
अगर गर्भवती महिला को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो वह एेसे में पूरी नींद लें, तनाव में न रहें, समय पर दवाइयां लें और डॉक्टर से समय-समय पर जांच कराती रहें। एेसे में महिला का साथ रहने वाले सदस्य को भी मिर्गी के बारे में जानकारी बोनी चाहिएं।
- फॉलिक एसिड
एेसी स्थिति में डॉक्टर महिलाओं को गर्भधारण करने के लिए ज्यादा फॉलिक एसिड लेने की सलाह देते है क्योंकि मिर्गी की दवाइयां शरीर में फॉलिक एसिड के समाहन में बाधा डाल सकती हैं। एेसा करने से गर्भपात होने का जोखिम कम हो जाता है।
- तनाव
अगर महिला प्रेग्नेंसी में तनाव ले तो यह उसके लिए हानिकारक बो सकता है। तनाव लेने से बच्चे के विकास पर सीधा प्रभाव पडता है।
- दुर्घटना होने का खतरा
ऐसी स्थिति में अगर महिला चलते हुए अचानक गिर जाए या तोट लग जाएं तो दुर्घटना होने का खतरा भी हो सकता है। इसलिए समय पर महिला को दवार्इ दें अौर सावधानी रखें।