Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2017 02:29 PM
नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने के लिए एक नयी योजना का खाका तैयार किया गया है। ये खाका रियल स्टेट इंडस्ट्री से जुड़ा है।
लखनऊः नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने के लिए एक नयी योजना का खाका तैयार किया गया है। ये खाका रियल स्टेट इंडस्ट्री से जुड़ा है। पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम कराकर संपत्ति बेची तो मालिक के खाते में ही पैसा जाएगा। यही नहीं जिस क्षेत्र में प्रॉपर्टी होगी वहां का निवास का प्रमाण भी देना अनिवार्य होगा। इस तरह रियल एस्टेट में खपाई जाने वाली ब्लैक मनी पर एक अटैक किया जाएगा है।
दरअसल पॉवर ऑफ अटार्नी के माध्यम से स्टांप चोरी और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए निबंधन विभाग ने ये व्यवस्था शुरू की है। इसलिए अब पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से जमीन रजिस्ट्री तभी कराई जाएगी जब बिक्री की राशि मूल मालिक के खाते में जमा की गई हो। यही नहीं पावर ऑफ अटॉर्नी की रजिस्ट्री तभी स्वीकार की जाएगी जब पावर ऑफ अटॉर्नी करने वाले व्यक्ति का निवास या संपत्ति उस सब रजिस्ट्रार के जोन में ही हो। इसके लिए निवास प्रमाण पत्र के रूप में मान्य सबूत देना होगा।
डीआईजी ओपी सिंह ने बताया कि अभी तक ब्लड रिलेशन में ही पावर ऑफ अटॉर्नी हो रही थी लेकिन अब कुछ शर्तों के साथ कोई भी किसी को पावर ऑफ अटॉर्नी कर सकता है। नए आदेश के अनुसार व्यवस्था लागू कर दी गई है।