Edited By ,Updated: 28 Apr, 2016 12:25 PM
देश में घरों की कीमतें घटाई जाने पर बिल्डरों और रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन की राय अलग-अलग है। रघुराम राजन चाहते हैं कि घरों की कीमतें घटाई जाएं जबकि बिल्डर इसे मानने को तैयार नहीं है।
नई दिल्ली: देश में घरों की कीमतें घटाई जाने पर बिल्डरों और रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन की राय अलग-अलग है। रघुराम राजन चाहते हैं कि घरों की कीमतें घटाई जाएं जबकि बिल्डर इसे मानने को तैयार नहीं है। कई ऐसे फ्लैट हैं जो खाली पड़े हैं और उनकी कीमते काफी ज्यादा होने के कारण उसके ग्राहक नहीं मिल रहे लेकिन बिल्डर इनकी कीमतें कम करने को तैयार नहीं हैं।
यहां सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिरकार बिल्डर क्यों नहीं कीमतें कम करने को तैयार हैं क्या वे मोटे मुनाफे को छोड़ना नहीं चाहते या उनके पास घर सस्ता करने की गुंजाइश नहीं है। वहीं बिल्डरों और रियल एस्टेट कंसल्टेंट का मानना है कि घरों की कीमतें कम करने में सरकार की तरफ से मदद की जरूरत है। सिर्फ बिल्डरों के लिए अपने बूते पर दाम कम करना मुश्किल है।
रियल ऐस्टेट सेक्टर को जीएसटी की जरुरत है। बिल्डर्स को अलग-अलग टैक्स विभागों को टैक्स भरना पड़ता है, जैसे कि लोकल, सेंट्रल और सर्विस टैक्स। इस सेक्टर में टैस्क की दरें काफी ज्यादा हैं। सरकार को इसे ज्यादा आसान बनाना चाहिए ताकि अफोर्डेबल घर सच में अफोर्डेबल हों। बता दें कि बिना बिके घरों की तादाद बढ़ रही है। घरों की इन्वेंटरी करीब 3 साल की बिक्री के बराबर है। इन्वेस्टर्स रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में पैसा नहीं लगा रहा है। वहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश बढ़ रहा है।