Perfect Lady बनना है तो इन चीजों के लिए S'r'y कहना छोड़े

Edited By ,Updated: 30 Jan, 2015 03:37 PM

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क्यों सहती फिर घुट-घुट के अपमान है नारी, क्यों कदम-कदम पर हो जाती कुर्बान है नारी।

क्यों सहती फिर घुट-घुट के अपमान है नारी,

क्यों कदम-कदम पर हो जाती कुर्बान है नारी।

 

 

कहने को ये एक कविता की चंद लाईनें है लेकिन ये जीवन का दस्तूर बन चुका है। यहीं हाल है संसार में अाई नारी का। कुछ चीजें जो हमें खुदा ने दी,हालात ने दी हर बात के लिए क्षमा हम क्यों मांगे,जिन चीजों के लिए हम जिम्मेदार भी नहीं फिर क्यों बार-बार हम शर्मिंदा हो। 

 

अपने अाप से जीतना सीखो तांकि कोई अोर हमें हरा न सके। अपने अाप में इतना विश्वास भर लो कि कोई हमें तोड़ न सके। ये सीख है समाज में रहती उन लड़कियों तथा महिलाअों के लिए जिन्हें समाज ठुकरा देता है कभी सुंदरता,कभी दहेज कारण तो कभी बच्चे पैदा न कर पाने के कारण । इस में अापका क्या कसूर सुंदरता तो भगवान की देन है अगर नहीं दी तो उसने नहीं दी। अगर किसी महिला को समाज  बांझ कह कर बुलाता है तो इसमें महिला नहीं समाज गलत है। अाप इस समाज का सामना कर सकती हैं । अाप जीवन में कुछ एेसी बातें अपनाएं जिससे अाप  Perfect Lady बन सकती हैं। जैसे

 

1.अापने अाप से प्यार करेंः कुछ लड़कियां जीवन के उतार-चढ़ाव कारण डगमगा जाती हैं। उन्हें लगता है हम सुंदर नहीं शायद इसलिए समाज हमें ठुकराता है । वे अपने रंग रूप को लेकर मायूस रहती है लेकिन एेसा न करें अपने अाप से प्यार करें। अपने अाप को थोड़ा बदलें। 

 

2.लड़की होने पर शर्मिंदा न होः भगवान ने मुझे लड़की क्यों बनाया जैसे अपने ही स्वालों का जवाब खुद दें। लड़की सुंदरता की एेसी मूर्त है जिसके बिना समाज अधूरा है इसलिए अगर अाप अपनी सुंदरता,शीतलता को कायम रखें तो समाज अाप ही का है।  

 

3.प्राकर्तिक चीजों के लिए क्षमा न मांगेः भगवान ने अगर हमें मां बनने का गौरव दिया है तो उसके साथ हमें माहवारी (Menstruation) का शाप भी मिला है जिस कारण अकसर लड़कियों को शर्मिंदा होना पड़ता है । कई बार तो कार्यकारी महिलाअों को कार्यालय में काम समय पर न होने के कारण क्षमा तक मांगनी पड़ती है। लेकिन यहां क्षमा अाप क्यों मांग रहे हो क्योंकि ये तो हर माह की बात है तो हिचकिचाना कैसा।

 

4. न कहना सीखेंः घर हो या दफतर जो चीज अापको अच्छी नहीं लगती या जिसे अाप करना नहीं चाहते उसके लिए न करना सीखे। अगर अापको कुछ गलत लगता है तो उस पर चर्चा करें न कि बिना सोचे किसी की हां में हां मिलाएं।

 

5. अच्छे दोस्त बनाएंः अाप 21वीं सदी में रहते हैं। इसलिए ये न सोचे कि अगर लड़कों को दोस्त बनाएंगे तो लोग क्या कहेंगे। अच्छा दोस्त किसी भी रूप में हो सकता है। इसलिए किसी को सफाई न दें अगर अाप अपनी दोस्ती प्रति ईमानदार हैं।

 

6.देरी के लिए सफाई न देंः अगर अाप घर देर से अाते हैं तो परिजनों को विश्वास दिलाएं कि हम अपने काम के प्रति ईमानदार है तथा सुरक्षित हैं । देरी से अाने के बहाने न बनाएं। वास्तविकता उनसे शेयर करें।

 

7.जी भर के खाएंःअकसर होता है कि पति अपनी पत्नी को या परिजन अापको बार-बार खाने से रोकते है लेकिन अाप खाना चाहते हो तो खाअो किसने रोका। महिलाअों,लड़कियों को बोला जाता है इतना खाना खाअोगी तो मोटी हो जाअोगी लेकिन लड़को को कोई नहीं कहता । खाना जितना मर्दों के लिए जरूरी है उससे ज्यादा महिलाअों के इसकी जरुरत रहती है। 

 

इसलिए हमेशा दिल की सुनो तथा डट कर समाज का सामना करों।

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