Edited By ,Updated: 16 Dec, 2016 12:28 PM
बरनाला विधानसभा का दिलचस्प पहलू यह है कि विगत 20 वर्षों से विजेता विधायक के उलट पार्टी की सरकार बन रही है।
संगरूर: बरनाला विधानसभा का दिलचस्प पहलू यह है कि विगत 20 वर्षों से विजेता विधायक के उलट पार्टी की सरकार बन रही है। 1997 के विधान सभा चुनावों में स्व.मलकीत सिंह कीतू अकाली दल की उम्मीदवार राजिंद्र कौर हिंद मोटर्ज को हराकर विधायक बने थे पर सरकार अकाली दल की आ गई। 2002 के चुनावों में मलकीत सिंह कीतू अकाली दल की टिकट पर चुनाव लड़े थे परंतु सरकार कांग्रेस की आ गई। 2007 के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के विधायक केवल सिंह ढिल्लों ने मलकीत सिंह कीतू को चुनावों में हराकर जीत प्राप्त की पर सरकार अकाली दल की आई, इसी तरह से 2012 में कांग्रेसी विधायक केवल सिंह ढिल्लों विजेता रहे पर सरकार अकाली दल की आ गई।
मुख्य मुद्दा
बरनाला विधान सभा सीट शहरी सीट होने के कारण इसका मुख्य मुद्दा पिछड़ा हुआ जिला होना है। बेशक बरनाला जिले को बने 10 वर्ष बीत चुके हैं पंरतु अभी तक कई कार्यालय बरनाला में नहीं आए। शहर में न तो कोई बड़ा अस्पताल है व न ही कोई शिक्षा का बड़ा केन्द्र। थोड़ी सी बीमारी गंभीर होने पर क्षेत्र के लोगों को लुधियाना, पटियाला, चंडीगढ़ जाना पड़ता है। इसी प्रकार ही विद्यार्थियों को भी 10वीं की पढ़ाई करने के बाद बाहर पढऩे के लिए जाना पड़ता है।