बैटरी एसोसिएशन वालों की अंतरात्मा जागी, अब बस बहुत हो गए जाली बिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 10:22 AM

battery association conscience now just enough fake bills

जाली जी.एस.टी. बिल का खेल कितना खतरनाक और कितना नुक्सान पहुंचाने वाला है, यह सबसे पहले पंजाब स्माल स्केल बैटरी एसोसिएशन को समझ आया है। इस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने ठक कर ऐलान किया कि वह बैटरी मैन्युफैक्चर्रस के ट्रेड में किसी भी कीमत पर जाली बिल...

लुधियानाः जाली जी.एस.टी. बिल का खेल कितना खतरनाक और कितना नुक्सान पहुंचाने वाला है, यह सबसे पहले पंजाब स्माल स्केल बैटरी एसोसिएशन को समझ आया है। इस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने ठक कर ऐलान किया कि वह बैटरी मैन्युफैक्चर्रस के ट्रेड में किसी भी कीमत पर जाली बिल से माल नहीं बिकने देंगे। यही नहीं यदि किसी ने जाली बिल से कच्चा माल खरीदा या तैयार माल बेचा तो उस इंडस्ट्री को अपने स्तर पर पहले चरण में चेतावनी दी जाएगी। अगर फिर भी किसी ने जाली बिल का खेल खेलना बंद नहीं किया तो उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा। इसी के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली को भी रिपोर्ट दी जाएगी कि किस तरह गलत काम करने वालों की वजह से बैटरी ट्रेड बदनाम हो रहा है।

वित्त मंत्री अरुण जेतली तक पहुंचाएंगे रिपोर्ट
इस एसोसिएशन में लुधियाना, जालंधर, अमृतसर व मोगा के बैटरी मैन्युफैक्चर्रस के स्माल स्केल इंडस्ट्री से जुड़े हुए सदस्य शामिल हैं। इन लोगों को सबसे ज्यादा नुक्सान हो रहा है। दूसरी ओर बड़ी डिड बैटरी बनाने वाले भी जाली बिल से माल खरीद कर बैटरियां तैयार कर रहे हैं। एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि दो नंबर की बिलिंग के कारण बैटरी का सारा कारोबार चौपट होता जा रहा है। बिना बिल के और जाली जी.एस.टी. बिल के माल बाजार में सस्ते दामों में बिक रहा है और यदि जी.एस.टी. के सही बिल पर माल बेचना हो तो कीमतों में काफी अंतर है। उधर, आल इंडिया बैटरी फैडरेशन ने भी वित्त मंत्री अरुण जेतली को सारे खेल से अवगत करवाने के लिए कमर कस ली है। एसोसिएशन के सदस्यों ने एक ही सुर में कहा कि बहुत हो गया जाली जी.एस.टी. बिल का खेल, अब इसे बंद करना ही होगा।

अधिकारी सही तो एक भी नहीं कट सकता जाली बिल
विभाग के अधिकारी ईमानदारी से जाली बिल को रोकना चाहे तो बाजार में एक भी जाली बिल नहीं मिलेगा। लेकिन बदकिस्मती यह है कि गिल रोड, प्रताप चौक, राहों रोड, दाल बाजार में जितने भी बिल बेचने वाले गिरोह सक्रिय हैं अधिकारी उनके दफ्तरों में अक्सर बैठे देखे जाते हैं। हालांकि पंजाब जी.एस.टी. के अधिकारियों ने तो गिरोह के सदस्यों को पकड़ना शुरू कर दिया है। लेकिन सैंट्रल एक्साइज के अधिकारी न जाने किस मिट्टी के बने हैं उन्हें जाली बिल वालों को पकड़ने से क्यों डर लग रहा है। इसकी जांच केंद्र सरकार को करवाना जरूरी हो गया है। तभी सारा सच सामने आएगा।

क्या स्टील व धागे की एसोसिएशनों की भी बदलेगी सोच 
बैटरी मैन्युफैक्चर्रस एसोसिएशन के बहुत ही कम सदस्य है। लेकिन उनकी अंर्तात्मा ने आवाज दे दी कि जाली बिल से पैसा कमाना ठीक नहीं है और उन्होंने अपने सदस्यों को इस सारे खेल के नतीजों से भी जागरूक करवाने के लिए कदम बढ़ाया है। परंतु स्टील और धागा यह दोनों ऐसे ट्रेड है जिनमें अरबों रुपए की जाली बिलिंग होती है। इन ट्रेड की एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने आज तक हिम्मत नहीं दिखाई कि वह जाली बिल का विरोध कर सकें। जबकि पैसा कमाने और अपने परिवार को पालने की उतनी ही जिम्मेदारी बैटरी मैन्युफैक्चर्रस पर भी है। फिर भी उन्होंने माना कि गलत काम करने वालों को अपने ट्रेड से बाहर निकालेंगे। लेकिन स्टील और धागे वालों की अंतरात्मा कब जागेगी, यह एक बहुत बड़ा सवाल है जिसका जवाब शायद मिलना मुश्किल लग रहा है।

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