Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 07:15 PM
नौकरी की तलाश में विदेश जाने वालों के लिए यह जानना जरूरी है कि विदेशों में भारतीय कैसे रहते हैं उन्हें कैसी-कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
मोहाली (नियामियां): नौकरी की तलाश में विदेश जाने वालों के लिए यह जानना जरूरी है कि विदेशों में भारतीय कैसे रहते हैं उन्हें कैसी-कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। हम ऐेसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसा ही एक मामला सामने आया है एक व्यक्ति अपने परिवार और अपनों से दूर विदेश में 2 साल फंसा रहा। अब दो साल बाद अपने वतन अपने घर लौटा तो उसने अपनी व्यथा सुनाई। उसके घर आने के पीछे योजना समिति मोहाली की पूर्व चेयरपर्सन और हैल्पिंग हैल्पलैस की संचालक अमनजोत कौर रामूंवालिया का बड़ा योगदान है।
पिछले 2 साल से साउदी अरब में फंसे गुरदासपुर के रहने वाले नौजवान हरपाल सिंह को आजाद करवाया। बीबी रामूवालिया ने बताया कि हरपाल सिंह पिछले दो साल से बिना पैसों के साऊदी अरब में काम कर रहा था। जब उसने पैसे मांगे तो कंपनी के मालिक ने हरपाल सिंह को तंग करना शुरू कर दिया। खाना देना बंद कर दिया और जब हरपाल ने कंपनी मालिक को उसे वापिस घर भेजने के लिए कहा तो उसने साफ इंकार कर दिया।
हरपाल सिंह ने बताया कि किसी एजेंट ने खुद को कंपनी झूठा मालिक बता उसे साऊदी अरब बुलाया। जिस कंपनी के नाम पर उसे वीजा दिया था वह कंपनी का मालिक था ही नहीं। साऊदी जाने के लिए मुम्बई के एक एजेंट ने 2 लाख रुपए लिए थे। वहां जाकर हरपाल ने एजेंट को कॉल किया लेकिन एजेंट ने उसका कॉल कभी नहीं उठाया और वह साऊदी अरब में फंसा गया। हरपाल को वापिस आने का कोई रास्ता न मिला तो उसने कहीं से बीबी रामूंवालिया का नंबर ले उनसे फोन पर बात की। उसने बताया कि बीबी रामूवालिया ने उसकी पूरी मदद की। हरपाल ने बीबी रामूंवालिया से 13 फरवरी को मदद मांगी थी। बीबी रामूवालिया ने कार्रवाई करते हुए 10 मार्च को हरपाल को उसके घर गुरदासपुर वापिस पहुंचा दिया।
बीबी रामूवालिया ने बताया कि हरपाल सिंह ने उनकी संस्था हैल्पिंग हैल्पलैस से मदद मांगी थी। हरपाल सिंह के साथ विदेश भेजने के नाम पर धोखा हुआ था। जब उन्हें हरपाल के बारे में पता चला तो उन्होंने एक पत्र भारतीय राजदूत अहमद जावेद को लिखा। कंपनी मालिक से फोन पर बात की। अथक प्रयासों से हरपाल सिंह 10 मार्च को अपने घर वापिस आ गया।