भारत के 6 न्यूक्लियर रिएक्टरों का निर्माण अधर में, दिवालिया हो सकती है कंपनी

Edited By ,Updated: 30 Mar, 2017 11:49 AM

westing house files for bankruptcy

भारत-अमरीका असैन्य परमाणु समझौते के तहत भारत में छह रिएक्टरों का...

न्यूयॉर्कः भारत-अमरीका असैन्य परमाणु समझौते के तहत भारत में छह रिएक्टरों का निर्माण करने वाली कंपनी वेस्टिंगहाउस इलैक्ट्रिक कंपनी ने दिवालिया संबंधी सुरक्षा के लिए आवेदन दायर किया जिससे इस समझौते के क्रियान्वयन को लेकर अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। बहरहाल, इन घटनाक्रमों पर नजर रख रहे भारत ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के असैन्य परमाणु कार्यक्रम में सहयोग पर वैश्विक उद्योग का नजरिया ‘सकारात्मक’ बना हुआ है। अमरीका ने दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।

दोनों देशों के बीच 2008 में हुआ था समझौता
वेस्टिंगहाउस इलैक्ट्रिक कंपनी अमरीका में जापानी समूह तोशिबा कारपोरेशन की इकाई है। तोशिबा ने एक बयान में कहा कि इसकी अमरीकी इकाई ने न्यूयॉर्क के ‘यूएस बैंकरप्सी कोर्ट’ में दिवालिया संबंधी आवेदन दायर किया है। गौरतलब है कि वेस्टिंगहाउस भारत-अमरीका असैन्य परमाणु समझौते के तहत भारत में छह रिएक्टरों का निर्माण करने वाली है। दोनों देशों के बीच 2008 में असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।

समझौते के भविष्य को लेकर अनिश्चितता
वेस्टिंगहाउस के इस कदम से भारत-अमरीकी असैन्य परमाणु समझौते के भविष्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है। तोशिबा की यह अमरीकी इकाई रिएक्टरों के निर्माण के लिए फिलहाल ‘न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ एनपीसीआईएल के साथ वाणिज्यिक वार्ता कर रही है। भारत और अमरीका को उम्मीद है कि जून, 2017 तक यह समझौता अमल में आ जाएगा।

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