ऐसे 5 भारतीय खिलाड़ी जो गरीबी से उठकर बने महान खिलाड़ी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 03:17 PM

5 indian players who emerged from poverty

भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे खिलाड़ी आए हैं जो गरीबी से उठकर अब महान खिलाड़ी बन गए हैं और बने हैं। क्रिकेट में आने के बाद खिला

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे खिलाड़ी आए हैं जो गरीबी से उठकर महान खिलाड़ी बने हैं। क्रिकेट में आने के बाद खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन करने से आज लाखों रूपए कमा रहै हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि क्रिकेट में लोग पैसे के लिए आते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत लगती है। टीम में कई ऐसे वर्तमान और पूर्व खिलाड़ी रहे हैं जो गरीबी से उठकर ऊंचे मुकाम तक पहुंचे हैं। आइए जाने ऐसे पांच खिलाड़ी जो गरीबी से उठकर ऊंचे मुकाम तक पहुंचे हैं।

वीरेंद्र सहवाग
भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग एक महान खिलाडी हैं। उन्होंने टेस्ट में दो बार तीहरा शतक और वनडे में दोहरा शतक भी लगाया है। सहवाग जब बल्लेबाजी करने आते थे तो बड़े बड़े गेंदबाज भी अपनी खैर मनाते थे। उनके पिता एक गेहूं व्यापारी थे। उनके घर में 50 लोग रहते थे और 50 लोगों के रहने के लिए एक ही घर था। सहवाग को क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए हर दिन 84 किमी का सफर करना पड़ता था।
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रविंद्र जडेजा 
रविंद्र जडेजा भारतीय टीम के बेहतरीन आलराउंडर हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी में आज टॉप रैंक पर हैं। जडेजा ने भी बचपन में काफी गरीबी का सामना किया है। उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में वॉचमैन की नौकरी करते थे। जिनकी सैल्री से घर का खर्चा बहुत मुश्किल से ही हो पाता था। उसके बाद भी जडेजा ने अपनी मेहनत के दम पर भारतीय टीम में जगह बनाई।
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हरभजन सिंह
भारतीय टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह की फ्रिकी के आगे बड़े बड़े बल्लेबाज मात खा जाते थे। वह टेस्ट क्रिकेट में भारत की और से सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में से तीसरे नंबर पर हैं। अपनी पहली सीरीज के बाद ही उन्हें तीन साल तक बाहर बैठना पड़ा था जिसके कारण एक बार तो उन्होंने कनाडा जाकर टैक्सी चलाने तक का फैसला कर लिया था। लेकिन फिर 2001 में उनकी टीम में वापसी हो गई।
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जहीर खान 
जहीर खान भारतीय टीम के एक महान गेंदबाज रहे हैं। उनकी गेंदबाजी के आगे बड़े बड़े बल्लेबाजों का पसीना छूट जाता था। वह हॉस्पिटल के एक छोटे से कमरे मे अपनी आंटी के साथ रहते थे, जिसमें कोई बेड तक नहीं था। बचपन से ही जहीर खान टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते थे। कुछ समय बाद वह नौकरी करने लगे और आखिरकार सन 2000 में उन्हे नेशनल टीम में खेलने का मौका मिला।
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उमेश यादव 
उमेश की गेंद की रफ्तार से बड़े बड़े बल्लेबाज चकमा खा जाते हैं। वह भारतीय टीम के एक बेहतरीन गेंदबाज हैं। उनके पिता एक कोल माइन में काम करते थे। वह अपनी कमाई से बहुत मुश्किल से घर को दो वक्त का खाना दे सकते थे। उमेश ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर भारतीय टीम में शामिल हुए। आज उमेश भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में एक हैं।PunjabKesari

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