Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Sep, 2017 07:20 PM
खेलों के इस महाकुंभ में भारत की ओर से व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने की बात की जाए तो यह उपलब्धि निशानेबाज अभिनव ब्रिंदा के नाम है। भारत में ओलम्पिक पदकों का इतिहास उठाकर देखा जाए
नई दिल्लीः खेलों के इस महाकुंभ में भारत की ओर से व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने की बात की जाए तो यह उपलब्धि निशानेबाज अभिनव ब्रिंदा के नाम है। भारत में ओलम्पिक पदकों का इतिहास उठाकर देखा जाए तो जिन लोगों का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है उनमे अभिनव बिंद्रा का नाम सबसे ऊपर है। अाज यानि 28 सितंबर को अभिनव का जन्म दिन है। भारत के इस महान निशानेबाज का 28 अक्टूबर, 1983 को देहरादून, उत्तराखंड में जन्म हुआ था। अाइए जाने उनके जीवन के बारें में कुछ खास बातें।
घर में ही शुूरू की थी शूटिंग की प्रैक्टिस
अभिनव बिंद्रा का जन्म एक संपन्न पंजाबी सिख परिवार में हुआ। वे बचपन से ही शूटिंग करना पसंद करते थे, इसीलिए उनके माता-पिता ने उनके पटियाला में घर में ही एक शूटिंग रेंज की व्य कर दी औरवस्था इस प्रकार यहां से शुरु हुअा अभिनव के शूटर बनने का सफर। अभिनव ने 15 वर्ष की आयु में 1998 कामनवेल्थ गेम्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे इस स्पर्धा में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के प्रतिभागी बने।
देश के लिए जीते स्वर्ण पदक
उनके इस सफर में शुरूआती कोच बने लेफ्टिनेंट कर्नल ढिल्लों और डॉ अमित भट्टाचार्जी। 2001 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मातनि अभिनव बिंद्रा ने राष्ट्रमंडल खेलों में भी तीन स्वर्ण के साथ पांच पदक अपने नाम किए हैं । वहीं उन्होंने 2006 में जगरेब में आयोजित आईएसएसएफ विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता की 10 मीटर एयर रायफल स्पद्र्धा का भी स्वर्ण जीता है।2010 में दिल्ली में हुए कामनवेल्थ गेम्स में उन्होंने पेयर्स में गोल्ड और व्यक्तिगत स्पर्धा में सिल्वर जीता।
पद्मभूषण से सम्मानित किया गया
2009 में पद्मभूषण से सम्मानित अभिनव बिंद्रा ने 15 साल की उम्र शूटिंग शुरू की। उन्होंने पहली बार वर्ष 2000 के सिडनी ओलपिंक में भाग लिया था, हालांकि इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी।