Edited By ,Updated: 12 Feb, 2017 12:57 PM
इंग्लैंड में महिला क्लब फुटबाल खेलने वाली एकमात्र भारतीय राष्ट्रीय टीम की गोलकीपर अदिति चौहान का मानना है कि यहां खिलाडिय़ों के लिए संरचित लीग काफी अंतर..
नई दिल्ली: इंग्लैंड में महिला क्लब फुटबाल खेलने वाली एकमात्र भारतीय राष्ट्रीय टीम की गोलकीपर अदिति चौहान का मानना है कि यहां खिलाडिय़ों के लिए संरचित लीग काफी अंतर पैदा कर सकती है। वेस्टहैम यूनाईटेड लेडीज की ओर से खेल चुकी अदिति ने कहा कि इंग्लैंड और भारत में क्लबों के प्रबंधन में काफी अंतर है।
अदिति ने ‘इक्वेटोरियल लाइन मैग्जीन’ से कहा, ‘‘इंग्लैंड का महिला फुटबाल का लंबा इतिहास है और इसलिए पूरा ढांचा काफी संरचित है। पूरे सत्र के दौरान काफी लीग और कप मैच होते हैं, फुटबाल के अलग अलग स्तर के लिए अलग लीग। यह कोई माइने नहीं रखता कि आप किस स्तर पर खेल रहे हैं, आप पेशेवर तौर पर या सिर्फ मजे के लिए फुटबाल खेल सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप पूरे साल फुटबाल खेलते हैं और खिलाडिय़ों की प्रगति के लिए संरचित लीग होती है तो यह काफी अंतर पैदा करती है। इसके अलावा खेल में काफी निवेश होता है और इसके नतीजे दिख रहे हैं।’’ अदिति का मानना है कि भारतीय महिला फुटबाल बदलाव के दौर से गुजर रही है और आने वाले दिन इसके लिए काफी रोमांचित होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एआईएफएफ ने महिला कोच शिक्षा और जमीनी स्तर पर विकास पर ध्यान लगाया है। इसके भी बढ़कर हमें एआईएफएफ की महिला लीग का इंतजार था।’’ अदिति ने कहा कि भारत में महिला फुटबाल में काफी क्षमता है लेकिन काफी खिलाड़ी इससे जुड़ी नहीं हैं।