Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 09:22 AM
आईपीएल के आगामी मीडिया अधिकारों (टीवी, मोबाइल और इंटरनेट) को लेकर संभावित बोली लगाने वाली कंपिनयां ई-नीलामी के पक्ष में हो सकती हैं....
नई दिल्ली: आईपीएल के आगामी मीडिया अधिकारों (टीवी, मोबाइल और इंटरनेट) को लेकर संभावित बोली लगाने वाली कंपिनयां ई-नीलामी के पक्ष में हो सकती हैं लेकिन बीसीसीआई ऐसा नहीं चाहता क्योंकि उसके शीर्ष अधिकारियों को लगता है कि इससे राजस्व में कमी आ सकती है। बीसीसीआई पारपंरिक मुहर बंद निविदा प्रक्रिया को ही बरकरार रखना चाहता है जिससे बोर्ड को फायदा होता है।
विभिन्न मीडिया अधिकारों के लिए ई-नीलामी की पुरजोर मांग की जा रही है। आईपीएल मीडिया अधिकार दस्तावेज को खरीदने की अंतिम तिथि 24 अगस्त है और अधिकार हासिल करने वाले की घोषणा 28 अगस्त को की जा सकती है। बीसीसीआई को डर है कि ई-नीलामी में मुंहरबंद प्रक्रिया से जुड़ी गोपनीयता समाप्त हो जाएगी। ई-नीलामी में बोली राशि का खुलासा होने से बोली लगाने वाला एक अनुमान लगा लेगा कि अधिकार हासिल करने के लिए कितनी राशि सही रहेगी। इससे मोटी बोली लगने की संभावना भी समाप्त हो जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिये बीसीसीआई को पहले ही दो सप्ताह का समय दिया है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इस पर अपनी आशंका व्यक्त की।
अधिकारी ने कहा कि माना कि आईपीएल टीवी अधिकारों के लिए दस संभावित बोलीकर्ता हैं। बीसीसीआई को नीलामी के लिए आधार मूल्य तय करना होगा जैसा कि खिलाडिय़ों की नीलामी के मामले में होता है। अब अनुमान लगा लीजिए कि टीवी अधिकारों का आधार मूल्य 100 रूपए है।
उन्होंने कहा कि सभी दस संभावित बोलीकर्ताओं को ‘लॉग इन’ और ‘पासवर्ड’ उपलब्ध कराये जाएंगे। बोली के प्रत्येक दौर में एक विशेष समयकाल होगा जिसमें कंपनियां बोली लगाएंगी। प्रत्येक दौर के बाद बोली राशि का खुलासा करना होगा। अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब है कि बोलीकर्ता को अन्य बोलियों के बारे में भी पता चल जाएगा जिससे संभावना है कि वह अपनी अधिकतम बोली लगाने से बचे।