Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Oct, 2017 05:45 PM
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग चाहे क्रिकेट से सन्यास ले चुके हों पर वो अपने बयानों के लिए आज भी सुखिर्यों में रहते हैं। अब उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में एक
नई दिल्ली: भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग चाहे क्रिकेट से सन्यास ले चुके हों पर वो अपने बयानों के लिए आज भी सुखिर्यों में रहते हैं। अब उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने धोनी की शफलता का राज खोला है। वीरेंद्र सहवाग ने एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में धौनी की सफलता को लेकर एक बड़ा राज खोला। धोनी की सफलता का राज खोलकर धोनी एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं।
दादा ने यूं की धोनी की मदद
सहवाग ने कहा कि धोनी की सफलता में सबसे बड़ा हाथ पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का है। गांगुली की कप्तानी में ही धोनी दुनिया के सामने एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरे। धौनी को एक बड़ा खिलाड़ी बनाने के पीछे दादा का ही हाथ रहा। सहवाग ने बताया कि जब दादा कप्तान थे उस समय हम बल्लेबाजी के ऑर्डर में एक रणनीति के तहत मैदान पर उतरते थे। हम फैसला करते थे कि अगर हमें ओपनिंग के लिए अच्छी साझेदारी मिलती है तो सौरव गांगुली खुद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरेंगे और अगर खराब पार्टनरशिप होती थी तो इरफान और धौनी जैसे खिलाडिय़ों को बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा जो तेज़ी से रन बनाने में सक्षम हों। इसके बाद गांगुली ने फैसला लिया कि वे धोनी को अपनी जगह तीसरे नंबर पर खेलने का मौका देंगे। गांगुली के इस फैसले के बाद धौनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा जाने लगा। सहवाग ने कहा कि गांगुली हमेशा ही नए खिलाडिय़ों को मौका देते थे। अगर दादा ऐसा नहीं करते तो धौनी आज दुनिया के बड़ी खिलाड़ी नहीं होते।
तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते ही जड़ा था पहला शतक
2005 में विशाखापट्टनम के मैदान पर माही ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी। आपको बतां दें कि धोनी ने अपने वनडे करियर का पहला शतक भी तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए जड़ा था। सबसे खास बात ये है कि ये धौनी के करियर का सिर्फ पांचवां वनडे मैच था।