विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंची अमित और गौरव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 11:41 AM

gaurav bidhodi

भारत के अमित फंगल (49 किग्रा) और गौरव बिधूड़ी (56 किग्रा) ने अपने मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को हराकर यहां 19वीं विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन पूर्व कांस्य पदक....

हैम्बर्ग: भारत के अमित फंगल (49 किग्रा) और गौरव बिधूड़ी (56 किग्रा) ने अपने मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को हराकर यहां 19वीं विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन पूर्व कांस्य पदक विजेता और तीसरी वरीयता प्राप्त विकास कृष्ण (75 किग्रा) दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए।  

अमित ने प्री क्वार्टर फाइनल में जहां इक्वेडर के सातवें वरीय कार्लोस क्विपो को हराया वहीं गौरव ने उक्रेन के मायकोला बुतसेंको को पराजित किया, लेकिन 2011 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले विकास इंग्लैंड के बेंजामिन वाइटकर से हारकर बाहर हो गए। एशियाई रजत पदक विजेता सुमित सांगवान (91 किग्रा) को भी आस्ट्रेलिया के जैसन वाटेले से हारकर बाहर का रास्ता देखना पड़ा।  

अमित को अगले दौर में उज्बेकिस्तान के दूसरी वरीयता प्राप्त हसनबॉय दुसमातोव की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा जबकि गौरव का सामना ट््यूनिशिया के बिलेल महामदी से होगा। इस साल एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले अमित ने भारत की तरफ से शुरूआत की और सर्वसम्मत फैसले से जीत दर्ज की। इस 21 वर्षीय मुक्केबाज ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपने वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंद्वी को जवाबी हमलों से पस्त किया। क्विपो को देखकर किसी भी समय नहीं लगा कि वह वरीयता प्राप्त खिलाड़ी है और लगातार सिर झुका देने के कारण उन्हें कई बार चेतावनी भी मिली।  

गौरव ने भी पूरी प्रतिबद्धता दिखाई। वाइल्ड कार्ड से प्रवेश पाने वाले दिल्ली के इस मुक्केबाज ने पूरे मुकाबले में बुतसेंको को करारा जवाब दिया। दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर लगातार मुक्के बरसाये लेकिन आखिर में जजों का फैसला भारतीय के पक्ष में गया। कोच सैंटियागो नीवा ने कहा कि अमित और गौरव दोनों ने जानदार प्रदर्शन किया। अपने प्रतिद्वंद्वी को सहज नहीं होने देना महत्वपूर्ण था और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इस रणनीति पर अच्छी तरह अमल हो।  हालांकि विकास और सुमित की हार से भारतीय खेमे में निराशा भी छाई रही।  

एशियाई खेलों में दो बार के पदक विजेता विकास अपने 19 साल के प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ढीले नजर आए। यहां तक कि विकास को अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए भी जूझना पड़ा। सुमित ने शाम का आखिरी मुकाबला लड़ा लेकिन अच्छी शुरूआत के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पहले राउंड में उन्होंने दबदबा बनाए रखा था लेकिन वाटेले ने अगले दो राउंड में अच्छा प्रदर्शन करके जीत दर्ज की।  
 

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