Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 12:47 PM
भारतीय बैडमिंटन खिलाडिय़ों का पिछले कुछ अर्से से खेल में दबदबा रहा है लेकिन मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि अभी देश को इस खेल में महाशक्ति बनने के लिए लंबा सफर तय करना है...
ओडेंसे: भारतीय बैडमिंटन खिलाडिय़ों का पिछले कुछ अर्से से खेल में दबदबा रहा है लेकिन मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि अभी देश को इस खेल में महाशक्ति बनने के लिए लंबा सफर तय करना है। पिछले कुछ अर्से में पी वी सिंधू ने ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीते और कई सुपर सीरिज खिताब अपने नाम किए। साइना नेहवाल ने चोट से उबरने के बाद वापसी करते हुए विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता जबकि किदाम्बी श्रीकांत ने एक सत्र में 3 सुपर सीरिज खिताब अपने नाम किए।
यह पूछने पर कि क्या भारत अब बैडमिंटन में विश्व विजेता बन गया है, गोपीचंद ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी एक व्यवस्था के तौर पर हम इसके लिए तैयार नहीं है । अभी बहुत से लोग विश्व स्तर पर खेल को समझते नहीं है लिहाजा यह कहना जल्दबाजी होगी । हमारे पास अपार संभावनाएं हैं लेकिन व्यवस्था को दुरूस्त करने की जरूरत है। पिछले एक साल में भारतीय खिलाड़ियों ने 6 सुपर सीरिज खिताब जीते। श्रीकांत की हैट्रिक के अलावा सिंधू ने दो और बी साइ प्रणीत ने एक खिताब जीता। गोपीचंद ने कहा कि यह साल अच्छा रहा। हमने विश्व चैम्पियनशिप, सुपर सीरिज में अच्छा प्रदर्शन किया। बड़े टूर्नामेंटों में प्रदर्शन अच्छा रहा और अगले 2-3 साल के लिए यह मील का पत्थर रहा जिसमें राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल, ओलिंपिक क्वालीफिकेशन और तोक्यो ओलिंपिक खेलने हैं।
यह पूछने पर कि अगले साल सही समय पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए क्या तैयारी है , गोपीचंद ने कहा कि हमें अगले साल के लिए चरणबद्ध तरीके से तैयारी करनी है । यह काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कई बड़े टूर्नामेंट आसपास ही होने हैं। उन्होंने कहा कि आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप और राष्ट्रमंडल खेल आसपास है। इसके अलावा विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेल आसपास हैं और फिर कई ऐसे टूर्नामेंट हैं जिनसे रैंकिंग तय होगी। यह चुनौतीपूर्ण है । हमारे लिए कठिन होगा लेकिन हम इससे निपट लेंगे।