Edited By ,Updated: 12 Jun, 2016 01:10 PM
आमतौर पर लोगों में यह धारणा रही है कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है लेकिन भारत सरकार का कहना है कि उसने किसी भी खेल ..
नई दिल्ली: आमतौर पर लोगों में यह धारणा रही है कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है लेकिन भारत सरकार का कहना है कि उसने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है । खेल जगत के कई दिग्गजों ने मांग की है कि आमराय बनाकर हॉकी राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया जाए ।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कि इस मंत्रालय ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है। 3 बार आेलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम हॉकी टीम के सदस्य रहे बलवीर सिंह सीनियर ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी जो भारत का प्रतिनिधित्व करता है, वह समान सम्मान का हकदार है।
एेतिहासिक रूप से भारत को आलंपिक में सबसे अधिक स्वर्ण पदक हॉकी में मिला है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हॉकी का राष्ट्र निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण योगदान वह था जब उसने नए स्वतंत्र भारत को वैश्विक खेल प्रतिस्पर्धा में पहली जीत दिलाई और इसके साथ ही हमारे तिरंगे के लिए जीतने के उत्साह की समझ पनपी। बलवीर सिंह ने कहा कि इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव अब कई खेलों में भी साझा हुई है जहां हम दुनिया में चैम्पियन हैं। आधिकारिक दर्जा मेरे लिए मायने नहीं रखता। हॉकी मेरे लिए पहला प्यार बना रहेगा।
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन चौहान ने भी हाकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिए जाने पर सहमति जताते हुए कहा कि हाकी ने सबसे अधिक आेलंपिक पदक दिलाए हैं । मेजर ध्यानचंद ने भारत का गौरव बढाया है लिहाजा हाकी ही हकदार है । अगर इस पर सहमति नहीं बनती है तो कबड्डी को लेकिन कोशिश होनी चाहिए कि हाकी पर ही सहमति बन जाए।