Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jun, 2017 12:26 PM
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है। दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने बांग्लादेंश को हराकर फाइनल की टिकट पक्की कर ली है।
नई दिल्ली: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है। दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने बांग्लादेंश को हराकर फाइनल की टिकट पक्की कर ली है। भारत का 18 जून को होने वाले महा फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ मुकाबला होगा जिसने कल मेजबान इंग्लैंड को पहले सेमीफाइनल में करारी शिकस्त दी थी। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का रोमांच ही अलग होता है। मैदान पर टीमें ही नहीं, बाउंड्री के पार दर्शक भी उत्साह से खेल में हिस्सा लेते हैं।
दोनों देशों के बीच मैच का जिक्र होते ही सचिन तेदंलकर की 2003 वल्र्डकप की पारी दिमाग में आती है। दरअसल, वसीम अकरम, वकार यूनिस और शोएब अख्तर जैसे तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी पाकिस्तान टीम शुरूआत से ही दबाव नहीं बना सके इसलिए सचिन ने काउंटर अटैक का फॉर्मूला अपनाया था। 274 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए पारी के पहले ओवर में सचिन ने वसीम अकरम की गेंदों पर कुछ लाजवाब शॉट खेले थे। दूसरे ओवर में जब गेंदबाजी का जिम्मा शोएब के कंधों पर था। वो उस वक्त अपनी गेंदों से आग उगल रहे थे लेकिन सचिन के पास उनसे निपटने का एक बेहतरीन तरीका था। ओवर की चौथी और पारी की 10वीं गेंद पर शोएब अख्तर पर पूरी रफ्तार के साथ गेंद फेंकी थी।
सचिन मानो इसके लिए पूरी तरह से तैयार थे। ऑफ साइड के बाहर थोड़ी उछाल लेती इस गेंद पर सचिन ने अपर कट खेला। शोएब ने जितनी तेजी से गेंदी फेंकी थी, उससे कहीं ज्यादा तेजी से गेंद बाउंड्री से बाहर गई। दर्शक मंत्रमुग्ध होकर बस देखते रहे। इसक बाद तो सचिन ने शोएब की अगली दो गेंदों पर लगातार चौके जड़ रावलपिंडी एक्सप्रेस को बेपटरी कर दिया। उस मैच में सचिन ने 75 गेंदों पर 12 चौके और एक छक्के की मदद से 98 रन बनाए। सचिन की इस पारी ने सारे फैंस का दिल जीत लिया था।