मियामी ओपन क्वीन बनीं कोंटा

Edited By ,Updated: 02 Apr, 2017 01:45 PM

johanna konta

ब्रिटेन की जोहाना कोंटा ने अविश्वसनीय प्रदर्शन को जारी रखते हुए पूर्व नंबर एक कैरोलीन वोज्नियाकी को महिला एकल फाइनल में हराकर करियर .....

मियामी: ब्रिटेन की जोहाना कोंटा ने अविश्वसनीय प्रदर्शन को जारी रखते हुए पूर्व नंबर एक कैरोलीन वोज्नियाकी को महिला एकल फाइनल में हराकर करियर का सबसे बड़ा मियामी ओपन टैनिस टूर्नामैंट का खिताब अपने नाम कर लिया है।  

कोंटा ने महिला एकल फाइनल में डेनमार्क की खिलाड़ी को लगातार सेटों में 6-4 6-3 से पराजित किया और करियर का सबसे बड़ा खिताब हासिल कर लिया। कोंटा का करियर में यह दूसरा प्रीमियर मैनडेटरी फाइनल था। इससे पहले वह चाइना ओपन में उपविजेता रही थीं। पांच बार की विंबलडन चैंपियन और पूर्व नंबर वन अमेरिका की वीनस विलियस और मौजूदा नंबर एक जर्मनी की एंजेलिक केर्बर को हराकर फाइनल में पहुंची कोंटा ने वोज्नियाकी के खिलाफ कमाल का प्रदर्शन किया और 33 विनर्स लगाये तथा केवल 19 बेजा भूलें कीं और एक घंटे 35 मिनट में ही खिताब अपने नाम कर लिया।  

कोंटा ने जीत के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कैरोलीन जैसी खिलाड़ी के खिलाफ मैच खेलना और लगातार सेटों में जीत दर्ज करना मेरे लिये काफी महत्वपूर्ण रहा। मैं केवल फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती थी और मैंने अपनी तय रणनीतियों को लागू भी किया। 

10वीं सीड कोंटा ने वोज्नियाकी के खिलाफ अच्छी शुरूआत की और पहले गेम में उनकी सर्विस ब्रेक की। इसके बाद दो बार की यूएस ओपन फाइनलिस्ट ने वापसी की। हालांकि कोंटा ने फिर दो बार ब्रेक हासिल किया और नौवें गेम में वोज्नियाकी की सर्विस ब्रेक की जबकि दानिश खिलाड़ी आखिरी समय में दो डबल फाल्ट कर बैठीं। ब्रिटिश खिलाड़ी ने 46 मिनट में ही पहला सेट जीत लिया। दूसरा सेट भी इसी अंदाज में कोंटा ने शुरू किया और छठी बार मिले मौके को भुनाते हुये उन्हों ने पूर्व नंबर एक खिलाड़ी की सर्विस ब्रेक कर दी। दोनों के बीच पहला गेम काफी देर तक चला। वोज्नियाकी ने इसके बाद दोनों गेम जीते और बढ़त बना ली। लेकिन फिर छठे गेम में कोंटा ने वापसी की और आखिरी चारों गेम लगातार जीतते हुए सेट और मैच अपने नाम कर करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज कर ली।  

ब्रिटिश खिलाड़ी को इस जीत की बदौलत रैंकिंग में भी फायदा मिल गया है और वह करियर की सर्वश्रेष्ठ सातवीं रैंकिंग पर पहुंच गयी हैं। यह उनके करियर का तीसरा डब्ल्यूटीए खिताब है। वहीं वोज्नियाकी विश्व की शीर्ष 10 खिलाड़ियों की श्रेणी से फिलहाल बाहर ही रहेंगी।  वोज्नियाकी ने मैच के बाद कहा कि पिछले दो सप्ताह में मैं बहुत अच्छा नहीं खेल पायी हूं। लेकिन यह सफर अच्छा रहा।मैं साल के इन शुरूआती टूर्नामैंटों से काफी सीखूंगी और आगे आने वाले समय में अपने खेल में और सुधार करूंगी।  


 

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