Edited By ,Updated: 25 Oct, 2016 04:11 PM
कहा जाता है कि जिस तरह जौहरी ही असली हीरे की पहचान कर सकता है, उसी तरह गुणी ही गुणवान की पहचान कर सकता है...
नई दिल्ली: कहा जाता है कि जिस तरह जौहरी ही असली हीरे की पहचान कर सकता है, उसी तरह गुणी ही गुणवान की पहचान कर सकता है। शायद, यह वाक्य कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए लिखा गया है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 71 मैच में सिर्फ एक विकेट लेने वाले खिलाड़ी केदार जाधव से धोनी मैच तो क्या नेट प्रैक्टिस में भी बॉलिंग कराएंगे। ऐसा किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन इनकी अच्छी गेंदबाजी को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि धोनी ने इस गेंदबाज की जिंदगी ही बदल दी हो।
जाधव ने मौके का उठाया फायदा
दरअसल, धोनी ने यह दांव खेलते हुए उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मैच खेलने का मौका दिया जिसका फायदा उठाकर जाधव ने 3 वनडे में 6 विकेट हासिल कर लिए हैं। उनकी गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड बल्लेबाजों को परेशान कर कर दिया है और तीसरे मैच में कीवी कप्तान केन विलियम्सन को आउट करना देखने लायक था।
जाधव ने इस तरह हासिल किए विकेट
पहले वनडे मैच में उन्होंने 6 रन देकर दो विकेट हासिल किए, मैच के लिए यह दोनों विकेट काफी अहम माने गए। दूसरे मैच में जाधव ने गेंदबाजी के साथ साथ बल्लेबाजी में भी धूम मचाई उन्होंने दो ओवर की बॉलिंग में सिर्फ 11 रन देकर एक विकेट लिया।
इस मैच में उन्होंने 37 बॉल में 41 रन भी बनाए। इसमें दो चौके और दो छक्के शामिल रहे। वहीं तीसरे मैच में केदार जाधव ने 5 ओवर बॉलिंग की और 29 रन देकर 3 विकेट लिए। वे भारत के बेस्ट बॉलर साबित हुए।
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