Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 06:11 PM
भारतीय टीम के महान बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दौरान
नई दिल्ली: टीम इंडिया के मिस्टर भरोसेमंद चेतेश्वर पुजारा के लिए तीन अगस्त का दिन उनके जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया है। इस एक ही दिन में पुजारा के नाम में कई रिकार्ड्स और एक खुशखबरी शामिल हो गई है। अपने करियर के 50वें टेस्ट में गुरूवार को श्रीलंका के खिलाफ जब पुजारा बल्लेबाजी करने उतरे तो उन्होंने सचिन, द्रविड जैसे महान खिलाड़ियों को तो पीछे छोड़ा ही लेकिन उनकी इस दोहरी खुशी में तीसरी खुशी उस समय जुड़ गई जब दिल्ली में अर्जुन अवार्ड समिति ने उनका नाम प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित कर दिया।
महान खिलाड़ियों को छोड़ा पीछे
पुजारा ने 50 टेस्ट मैच खेल कर मैच साथ ही 4000 रन पूरे किए। उन्होंने 50वें टेस्ट की 84वीं पारी में 34 रन बनाने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में 4000 रन पूर किए। पुजारा भारत की तरफ से तेजी से 4000 रन बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं। इस मामले में उन्होंने क्रिकेट के गॉड सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली जैसे महान खिलाडिय़ों को पीछे छोड़ दिया।
हासिल की खास उपलब्धि
भारत की तरफ से 50 या इससे अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले 31वें क्रिकेटर बने पुजारा देश के सातवें एेसे बल्लेबाज भी बन गए हैं जिन्होंने इस मौके पर शतक जमाया। भारत की तरफ से अपने 50वें टेस्ट मैच में सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड गावस्कर के नाम पर है। उन्होंने 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ आेवल में दूसरी पारी में 221 रन बनाए थे। अपने 50वें टेस्ट मैच में शतक जमाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज पाली उमरीगर थे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1961 में नई दिल्ली में 112 रन बनाए। इसके बाद गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, कपिल देव, वीवीएस लक्ष्मण, विराट कोहली और अब पुजारा ने इस सूची में अपना नाम लिखवाया।
टीम इंडिया को मिल गई नई दीवार
अपनी 84वीं टेस्ट पारी खेल रहे पुजारा ने इस दौरान 34वां रन पूरा करते ही टेस्ट क्रिकेट में 4000 रन भी पूरे किए। पुजारा को अब भारतीय क्रिकेट की नई दीवार कहा जाता है और संयोग देखिए कि भारतीय क्रिकेट की मूल दीवार राहुल द्रविड़ ने भी पुजारा की तरह 84वीं पारी में 4000 रन पूरे किए थे। सुनील गावस्कर और वीरेंद्र सहवाग ने हालांकि यह उपलब्धि 81वीं पारी में हासिल कर ली थी और इस तरह से द्रविड़ और पुजारा का नंबर इन दोनों के बाद आता है। दिलचस्प बात यह है कि द्रविड़ और पुजारा दोनों ने 67वीं पारी खेलते हुए 3000 रन पूरे किए थे।