Edited By ,Updated: 17 May, 2017 04:35 PM
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 1999 में आस्ट्रेलिया में हुई श्रृंखला को सबसे कड़ी करार दिया है....
मुंबई: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 1999 में आस्ट्रेलिया में हुई श्रृंखला को सबसे कड़ी करार दिया है।
तेंदुलकर को इस खिलाडी़ से लगता था डर
तेंदुलकर ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि सबसे कड़ी श्रृंखला 1999 की थी जब हम आस्ट्रेलिया गए थे और उनकी टीम बेजोड़ थी और उन्हें दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये का सामना करना पसंद नहीं था। उन्होंने कहा कि1989 में जब से मैंने खेलने शुरू किया तब से कम से कम 25 विश्व स्तरीय गेंदबाज मौजूद थे, लेकिन जिनके खिलाफ बल्लेबाजी का मैंने लुत्फ नहीं उठाया वह हैंसी क्रोन्ये थे। किसी ना किसी कारण से मैं आउट हो जाता था और मुझे महसूस होने लगा था कि मैं गेंदबाजी छोर पर खड़ा ही अच्छा हूं।
स्टीव वा की टीम ने भारत को 3-0 से वाइटवाश किया था: तेंदुलकर
इस मौके पर सचिन ने कहा कि स्टीव वा की टीम ने 3 मैचों की इस श्रृंखला में पूरी तरह से दबदबा बनाते हुए भारत का 3-0 से वाइटवाश किया था। तेंदुलकर ने कहा कि अन्य टीमें की आस्ट्रेलिया के खेलने की शैली को सराहती थी और ऐसा ही खेलना चाहती थी। उन्होंने कहा कि मुझे अब भी याद है कि मेलबर्न, एडिलेड और सिडनी में उन्होंने जिस तरह का क्रिकेट खेला उससे पूरी दुनिया प्रभावित हुई। सभी इसी तरह का क्रिकेट खेलना चाहते थे। हालांकि हम सभी अपने खेलने के तरीके का सम्मान करते हैं लेकिन सभी को लगता था कि उन्होंने जो क्रिकेट खेला वह विशेष था।
टेस्ट क्रिकेट में कुछ अच्छा कर के ही संतोष मिलता हैं: तेंदुलकर
तेंदुलकर ने कहा कि वे लगातार ऐसा प्रदर्शन करने में सफल रहे। वह विश्व स्तरीय टीम थी। खेल के सबसे लंबे प्रारूप को अपना पसंदीदा बताते हुए तेंदुलकर ने कहा कि अगर मुझे टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तुलना करनी पड़े तो नि:संदेह सबसे अधिक संतोष तब मिलता है जब आप टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करो और टीम के लिए कुछ विशेष करो।