Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 03:11 PM
भारतीय फुटबाॅल के लिए छह अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक होगा जब देश पहली बार किसी भी वर्ग में फीफा मंच पर अपनी...
नई दिल्लीः भारतीय फुटबाॅल के लिए छह अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक होगा जब देश पहली बार किसी भी वर्ग में फीफा मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिये उतरेगा जहां से इस खेल को एक नई दिशा और दशा हासिल होगी। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश भारत के लोगों की ढेरों उम्मीदों और आकांक्षाओं के साथ भारत की अंडर-17 फुटबाल टीम फीफा विश्वकप में खेलने उतरेगी। भारत की मेजबानी में पहली बार हो रहे फीफा अंडर-17 विश्वकप का आगाका छह अक्टूबर से होने जा रहा है जहां मेजबान की हैसियत से भारतीय टीम को टूर्नामेंट में प्रवेश मिला है।
हालांकि टीम पूरी तैयारी और कड़े अभ्यास के बाद विश्वकप में उतर रही है जहां दुनिया की 24 दिग्गज टीमें खिताब के लिये अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। भारत इस टूर्नामेंट में निश्चित ही खिताब के दावेदार या मजबूत टीम के तौर पर शामिल नहीं है लेकिन ‘ब्लू कब्स’ के नाम से जाने जानी वाली अंडरडॉग भारतीय टीम घरेलू मैदान और घरेलू परिस्थितियों में बड़ा उलटफेर कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का अच्छा प्रदर्शन दुनिया के सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेल फुटबाल की देश में तस्वीर बदल सकता है और टीम इंडिया से फिलहाल इसी की अपेक्षा सबसे अधिक है। भारतीय टीम ने एएफसी अंडर-16 चैंपियनशिप में सात बार हिस्सा लिया है और 15 वर्ष पूर्व 2002 में उसने क्वार्टरफाइनल तक जगह बनाई थी जो उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा था। हालांकि वह कोरिया से हारकर इसके आगे नहीं बढ़ सका था।