Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 12:27 PM
स्पॉट फिक्सिंग मामले में निचली अदालत से आरोप मुक्त किए गए अभिषेक शुक्ला ने नोटबंदी से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश किया..
नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग मामले में निचली अदालत से आरोप मुक्त किए गए अभिषेक शुक्ला ने नोटबंदी से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश किया।
क्रिकेटर शांतकुमारन श्रीसंत के दोस्त अभिषेक ने पुलिस मालखाने द्वारा उन्हें लौटाए गए साढ़े 5 लाख रुपए के पुराने नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अभिषेक ने अपनी याचिका में कहा है कि जब स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने उन्हें गिरफ्तार किया था तब उनके पास मौजूद साढ़े पांच लाख रुपए भी जब्त किए गए थे और इन्हें पुलिस के मालखाने में रखा गया था। अब पटियाला हाउस अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया है तो उन्होंने पुलिस से अपने रुपए मांगे, याचिकाकर्ता का दावा है कि फरवरी में पुलिस ने उन्हें सारे रुपए मालखाने से दे दिए, लेकिन ये 500 और 1000 के पुराने नोट थे।
अभिषेक ने नोट बदलने के लिए हाल ही में रिजर्व बैंक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन बैंक ने नोट बदलने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील ने इस मामले का जिक्र मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर के समक्ष किया, जिन्होंने सीजर मेमो (जब्ती के दौरान दिया गया प्रमाण-पत्र) लाने का आदेश दिया। न्यायालय ने अभिषेक को यह भी बताने को कहा है कि उससे जब्त नोट कितने-कितने के थे।
गौरतलब है कि स्पॉट फिक्सिंग मामले में मध्यम गति के तेज गेंदबाज श्रीसंत को मुंबई से गिरफ्तार करने के बाद अभिषेक शुक्ला को दिल्ली पुलिस ने 2013 में गिरफ्तार किया था। पुलिस का आरोप था कि श्रीसंत की गिरफ्तारी के बाद अभिषेक मुंबई में उसके होटल के कमरे में गया था और उसने पैसे एवं अन्य सामान गायब कर दिए थे।