Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 09:03 PM
निलंबित पहलवान नरसिंह यादव ने सुशील कुमार को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त करने का विरोध किया है और खेल मंत्रालय को भेजे गये पत्र में उन्होंने हितों के...
नई दिल्ली: निलंबित पहलवान नरसिंह यादव ने सुशील कुमार को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त करने का विरोध किया है और खेल मंत्रालय को भेजे गये पत्र में उन्होंने हितों के टकराव का आरोप लगाया है। नरसिंह ने पिछले सप्ताह खेल मंत्रालय को पत्र लिखा और सवाल उठाया कि सुशील कैसे राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बन सकते हैं जबकि वह छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े में पहलवानों को तैयार करने से जुड़े हैं। यह अखाड़ा उनके ससुर सतपाल चलाते हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के एक अधिकारी ने कहा कि नरसिंह ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुशील को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बनाने पर आपत्ति जतायी है।
नरसिंह के अनुसार सुशील राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में छत्रसाल के अपने शिष्यों का पक्ष ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नरसिंह ने दावा किया है अपने अखाड़े में पहलवानों को प्रशिक्षण देना और साथ ही राष्ट्रीय पर्यवेक्षक होना हितों का टकराव है। भारत के लिए आेलंपिक में दो पदक जीतने वाले सुशील उन 14 आेलंपियन में शामिल हैं जिन्हें खेल मंत्री ने इस साल अपने खेलों का राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।
नरसिंह ने इसके साथ ही सवाल उठाया है कि सुशील को कैसे पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा सकता है जबकि रियो आेलंपिक से पहले उनके खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे। नरसिंह को डोपिंग के आरोपों के कारण चार साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। अधिकारी ने दावा किया कि नरसिंह ने आेलंपिक से पहले कथित तौर पर उनके खाने और पेय पदार्थों में मिलावट करने को लेकर स्पष्ट रूप से सुशील पर अपने संदेहों के बारे में लिखा है जिसके कारण उनका कुश्ती से चार साल के लिए निलंबन हुआ।