Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 07:18 PM
एक गलतफहमी के चलते पंजाब के पहलवान सतीश कुमार का करियर बर्बाद हो गया था। वह डोपिंग मामले में गलतफहमी का शिकार हो गए थे। उसे इस गलतफहमी के कारण 2002 में 14 वें एशियाई खेलों
नई दिल्ली: एक गलतफहमी के चलते पंजाब के पहलवान सतीश कुमार का करियर बर्बाद हो गया था। वह डोपिंग मामले में गलतफहमी का शिकार हो गए थे। उसे इस गलतफहमी के कारण 2002 में 14 वें एशियाई खेलों में भाग लेने से रोक दिया गया था। सतीश को अब 15 साल बाद न्याय मिला है। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ को निर्देश दिया है कि सतीश को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया।
सतीश को कुश्ती महासंघ द्वारा दक्षिण कोरिया के बुसान में 14वें एशियाई खेलों के लिए चुना गया था, लेकिन उन्हें गलती से अन्य एथलीटों के साथ फ्लाइट में जाने से रोक दिया गया, क्योंकि पश्चिम बंगाल के इसी नाम के एक और पहलवान को लेकर संदेह पैदा हो गया था। उस पहलवान को तब डोप प्रतिबंध में पाजीटिव पाए जाने के बाद दो साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था। सतीश ने अपने आप को इस मामले में बेकसूर बताया, लेकिन उनकी बात पर किसी ने विश्वास नहीं किया।
भारतीय कुश्ती महासंघ को मुआवजा देने का निर्देश देते हुए अदालत ने तीखी टिप्पणी भी की और कहा कि जिस तरह से खेल को नहीं समझने वाले अधिकारियों की अगुवाई वाला महासंघ खिलाडिय़ों से बर्ताव करता है, उससे स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक हासिल न करने की समस्या से क्यों जूझ रहा है।