Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 06:36 PM
पहलवान स्टील का बने होते हैं वास्तव में, Combat Sports में भाग लेने वाले लगभग प्रत्येक अनुशासन से एथलीटों के लिए सच है। किसी रेसिंलग मैच के दौरान या फिर किसी अन्य खेल में एथलीट के कान पर गौर किया जाए तो बहुत से लोग आशचर्यचकित रह जाते हैं।
नई दिल्ली: "पहलवान स्टील के बने होते हैं", वास्तव में 'Combat Sports' में भाग लेने वाले लगभग प्रत्येक अनुशासन से एथलीटों के लिए यह सच है। किसी रेसिंलग या रग्बी मैच के दौरान एथलीट के कान पर गौर किया जाए तो बहुत से लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। यह खेल दर्शकों का मनोरंजन तो कराते हैं लेकिन एथलीट का जो हाल होता है और कितनी दर्द सहनी पड़ती है वो केवल वही जानता है।
'Cauliflower Ear' कहते हैं
एक पहलवान के कान को कुचल दिया जाता है और फिर वो आकृति के बाहर निकल जाता है। समय के साथ, कान के बाहरी हिस्से में खून का थक्का विकसित होता है और ऐसा होने के बाद यह स्थिति अपरिवर्तनीय है। धब्बेदार खून से Cartilage को अलग-अलग Perichondrium से अलग करता है जो इसके पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। इस कारण Cartilage खत्म हो जाता है और अंतर्निहित त्वचा में रेशेदार ऊतक के गठन का कारण होता है। इसलिए एेसे कान होते हैं। कान के इस विशेष रूप से विरूपण को Cauliflower Ear कहा जाता है।
कैसे बचें
इसे रोकने के लिए पहलवान और अन्य खेलों के एथलीट सिर पर 'स्क्रोम कैप' पहन के रखते हैं।