Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 06:39 PM
संग्राम सिंह और अमेरिका के केविन रेडफोर्ड के बीच केडी जाधव मेमोरियल चैंपियनशिप मैच को ‘नकली’ और ‘तमाशा’ करार देते हुए ओलंपिक कांस्य पद...
नई दिल्लीः संग्राम सिंह और अमेरिका के केविन रेडफोर्ड के बीच केडी जाधव मेमोरियल चैंपियनशिप मैच को ‘नकली’ और ‘तमाशा’ करार देते हुए ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने आज भारतीय कुश्ती महासंघ से इस तरह के मुकाबलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। योगेश्वर ने कहा, ‘‘मेरा विरोध आयोजन को लेकर नहीं है। देश में ज्यादा से ज्यादा मुकाबले होने चाहिए लेकिन उचित लीग होनी चाहिए। यह जरूरी है। इस तरह की लीग को साल में दो सत्र में आयोजित किया जा सकता है लेकिन इस तरह का तमाशा नहीं होना चाहिए।’’ लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता ने महासंघ की मंजूरी लिये बिना किसी विदेशी खिलाड़ी को बुलाने पर भी सवाल उठाये।
किसी टूर्नामेंट के लिए सरकार पर निर्भर नहीं हो सकते
योगेश्वर ने कहा, ‘‘ पैसा कमाना सभी का अधिकार है लेकिन लोगों ने इसे धंधा बना लिया है। इससे कितने उदीयमान पहलवानों को फायदा मिल रहा है। कोई भी ऐसा टूर्नामेंट जिसे मान्यता हासिल नहीं है वह महासंघ की अनुमति के बिना नहीं होना चाहिए। इस तरह से विदेश से किसी खिलाड़ी को कैसे बुलाया जा सकता है। इसके लिये महासंघ की मंजूरी होनी जरूरी है।’’ योगेश्वर से पूछा गया कि क्या इस तरह की चैंपियनशिप पर खेल मंत्रालय या संबंधित खेल महासंघ को कार्रवाई करनी चाहिए, तो उन्होंने ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ हम किसी टूर्नामेंट के आयोजन के लिए पूरी तरह से सरकार या महासंघ पर निर्भर नहीं हो सकते लेकिन उनकी संस्तुति जरूरी है। आप किसी टूर्नामेंट का आयोजन कर सकते हैं लेकिन इस तरह का झूठ नहीं चलना चाहिए। महासंघ को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ’’
नकली की आदत मत डालो
संग्राम ने हाल में इस मुकाबले की घोषणा की जिसका नाम उन्होंने भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता पहलवान के डी जाधव के नाम पर रखा है। योगेश्वर ने इस पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूडब्ल्यूई के मॉडल का खेल कराना था तो भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता के नाम पर क्यों। वह भी चैंपियनशिप। नकली की आदत मत डालो। असली कहां जाएंगे। ’’ योगेश्वर ने कहा, ‘‘ सच्चाई सबके सामने रखनी चाहिए। इस तरह से असली पहलवानों के प्रयासों को नहीं भुनाया जाना चाहिए जिनके प्रयास से देश में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। ’’