शेयर बाजार में साल की दूसरी बड़ी गिरावट

Edited By ,Updated: 24 Jun, 2016 04:32 PM

sensex falls more than 900 points

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ का साथ छोडऩे (ब्रेग्जिट) से विदेशी बाजार में मचे कोहराम से डरे निवेशकों की स्थानीय स्तर पर की गई भारी बिकवाली के दबाव

मुंबईः ब्रिटेन के यूरोपीय संघ का साथ छोडऩे (ब्रेग्जिट) से विदेशी बाजार में मचे कोहराम से डरे निवेशकों की स्थानीय स्तर पर की गई भारी बिकवाली के दबाव में आज सैंसेक्स में इस साल की दूसरी बड़ी 605 अंक की गिरावट देखी गई। इससे पहले 11 फरवरी 2016 को सैंसेक्स 807 अंक लुढ़का था। 

 

सैंसेक्स में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट 24 अगस्त 2015 को दर्ज की गई थी जब चीन में जारी आर्थिक मंदी के दबाव में वहां के शेयर बाजार में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट से सैंसेक्स 1624.51 अंक लुढ़का था। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिवस पर बी.एस.ई. का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स 604.51 अंक अर्थात 2.24 प्रतिशत लुढ़ककर 26397.71 अंक और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) का निफ्टी 181.85 अंक टूटकर 26 मई के बाद 8100 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 8088.60 अंक पर बंद हुआ। 

 

सैंसेक्स में सबसे ज्यादा 7.99 प्रतिशत का नुक्सान टाटा मोटर्स को हुआ। इसके अलावा टाटा स्टील के शेयर भी 6 प्रतिशत से अधिक लुढ़क गए। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में शामिल रहने या नहीं रहने पर गुरुवार को हुए जनमत संग्रह की आज हुई मतगणना में ब्रिटेन के संघ की सदस्यता छोडऩे को लेकर सर्वाधिक मत पड़े। इससे यूरोपीय अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में आने की आशंका में वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर बनी चिंता के कारण विदेशी बाजार धराशायी हो गई। ब्रिटेन का एफटीएसई शुरूआती कारोबार में 4.79 प्रतिशत गिर गया। 

 

जापान का निक्की 7.92, हांगकांग का हैंगसैंग 2.92, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.09 और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.33 फीसदी लुढ़क गया। शुरूआती कारोबार में 1,000 से अधिक अंक तक टूटे सैंसेक्स को वित्त मंत्री अरुण जेतली और रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के बयान से राहत मिली। जेतली ने कहा यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने (ब्रेग्जिट) की स्थिति से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। वहीं, राजन ने कहा कि ब्रेग्जिट के मद्देनजर पूंजी बाजार में व्यवस्था बनाए रखने के लिए डॉलर और रुपए की तरलता बनाए रखने समेत सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। आर.बी.आई. ने आज बाजार में प्रतिभूतियों की खरीद के माध्यम से 102.75 अरब रुपए (लगभग 1.53 अरब डॉलर) झोंका है। बी.एस.ई. में कुल 2680 कम्पनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 690 में लिवाली और 1835 में बिकवाली दर्ज की गई जबकि 157 के भाव अपरिवर्तित रहे। 

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