Edited By ,Updated: 06 May, 2017 12:58 PM
इस हफ्ते के अंतिम ट्रेडिंग सेशन में चौतरफा गिरावट दिखी। सैंसेक्स 267 अंक गिरकर 29858 अंक और...
नई दिल्लीः इस हफ्ते के अंतिम ट्रेडिंग सेशन में चौतरफा गिरावट दिखी। सैंसेक्स 267 अंक गिरकर 29858 अंक और निफ्टी 75 अंक लुढ़ककर 9285 अंक पर बंद हुआ। एक्सपटर्स का कहना है कि ओवरवैल्युएशन पर चलने की वजह से मार्कीट को करेक्शन का इंतजार था। इस गिरावट पर निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि हर गिरावट पर निवेश का मौका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निफ्टी में 200 अंकों से ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं है। आगे घरेलू स्तर पर कई ऐसे फैक्टर हैं, जिससे मार्कीट में रैली जारी रहेगी। जून तक निफ्टी 9500 का लेवल भी छू सकता है।
गिरावट के कारण
रविवार को फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव का आखिरी चरण है, जिसकी वजह से यूरोप सहित दुनियाभर के मार्कीट में घबराहट देखी गई। वहीं, घरेलू स्तर पर प्रॉफिट बुकिंग तेज हुई, पिछले 7-8 दिनों से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं, जिसका असर मार्कीट पर शुक्रवार को दिखा। रुपए में गिरावट और एन.पी.ए. पर अध्यादेश का असर भी मार्कीट पर दिखा। जियो-पॉलिटिकल टेंशन को लेकर भी निवेशक सतर्क हैं।
इन वजहों से मार्कीट में रहेगी मजबूती
एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी निवेशक भले ही बिकवाली कर रहे हैं, घरेलू निवेशकों की ओर से मार्कीट में पर्याप्त पैसा आ रहा है। लिक्विडिटी की खास समस्या नहीं है। वहीं, सरकार द्वारा किए जा रहे रिफॉर्म्स का असर भी दिखने लगा है, जो आगे और प्रभावी होगा। जी.एस.टी. लागू होने और बेहतर मानसून रहने से भी मार्कीट को सपोर्ट मिलता दिख रहा है। अर्निंग सीजन भी पिछले क्वार्टर से बेहतर दिख रहा है।
NPA अध्यादेश का क्या होगा असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एन.पी.ए. को लेकर जो अध्यादेश पास हुआ है, वह लॉन्ग टर्म के लिए खासतौर से पी.एस.यू. बैंकों के लिए अच्छा है। लेकिन, छोटी अवधि के लिए बैंकों पर कुछ दबाव दिख सकता है। उन्होंने बताया कि इस अध्यादेश से बेंकों की बैलेंसशीट पर असर हो सकता है। बैंक उन लोगों पर कार्रवाई कर सकेंगे जो एक तय समय तक लोन नहीं चुका पाएंगे। लेकिन इस बात की शंका है कि एसेट्स ऑक्सनिंग या दूसरे कदमों से पूरे लोग की रिकवरी हो पाए। ऐसे में बैलेंसशीट खराब हो सकती है।