Edited By ,Updated: 26 Nov, 2015 01:09 PM
भगवान श्रीकृष्णचन्द्र के असंख्य नाम हैं जिनसे उनके भक्त उन्हें पुकारते हैं और विभिन्न रूपों का पूजन करते हैं। इन्हीं नामों में से एक नाम मार्गशीर्ष भी है।
भगवान श्रीकृष्णचन्द्र के असंख्य नाम हैं जिनसे उनके भक्त उन्हें पुकारते हैं और विभिन्न रूपों का पूजन करते हैं। इन्हीं नामों में से एक नाम मार्गशीर्ष भी है। मार्गशीर्ष महीने में किए गए पुण्य से सभी सुखों की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है।
मार्गशीर्ष महीने का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से भी है। ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्र माने गए हैं। जोकि चन्द्रमा की पत्नियां हैं। इन्हीं 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र का नाम है मृगशिरा नक्षत्र। मगसर महीने की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है इसलिए इस महीने को मार्गशीर्ष मास कहा जाता है।
श्रीमद्भागवत में भगवान कृष्ण स्वयं कहते हैं
मासानां मार्गशीर्षोऽहम्
अर्थात् समस्त महिनों में मार्गशीर्ष मेरा ही स्वरूप है।
* कहते हैं कि पूरा अगहन का महीना तुलसी देवी और मां लक्ष्मी का पूजन एक साथ करने और अपनी क्षमता के अनुसार अन्न का दान करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति के घर में अपना स्थायित्व बना लेती हैं।
* सारा महीना जीरा नहीं खाना चाहिए।
* स्कंदपुराण में कहा गया है श्रीराधा कृष्ण की कृपा पाने वाले श्रद्धालुओं को अगहन माह में व्रत-उपवास और भजन- कीर्तन करते रहना चाहिए।