साल 2016 का अंत दे रहा है बड़े आतंक के संकेत

Edited By ,Updated: 06 Oct, 2016 07:32 AM

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यदि भारत की कुंडली पर चर्चा करें तो भारत की कुंडली उसके स्वत्रंत्रता दिवस के आधार से बनाई जाती है। जिससे वृष लग्न व कर्क राशि की कुंडली बनती है।

यदि भारत की कुंडली पर चर्चा करें तो भारत की कुंडली उसके स्वतंत्रता दिवस के आधार से बनाई जाती है। जिससे वृष लग्न व कर्क राशि की कुंडली बनती है। उस समय चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में था जिसके स्वामी शनि हैं। अतः भारत की आजादी शनि की महादशा में प्राप्त हुई थी। भारत की कुंडली में मंगल बद बना हुआ है। मंगल का धनु में व राहू का लग्न में आना मंगल व राहू के बीच षडाष्टक योग बनाता है। इस योग के कारण हिंसक परिणाम सामने आएंगे। दिनांक 10.09.15 से दिनांक 09.09.2015 तक भारत पर चंद्रमा की महादशा है अर्थात पराक्रम के स्वामी की महादशा। तीसरे भाव से बंधु और पड़ोसी देखे जाते हैं।


वर्ष 2016 का आखिरी ग्रहण दिनांक 01.09.16 को दिन में तकरीबन 1 बजे सिंह राशि में घटित हुआ था। यह ग्रहण राजनेताओं, प्रशासनिक सेवाओं संबंधित व्यक्तियों को परेशानी में डालेगा। इसी समय वृश्चिक में बैठे शनि दसवीं दृष्टि से सिंह में बैठे राहू को प्रभावित कर रहा था। इससे अगले छ: माह में जनधन की हानि के संकेत बन रहे हैं। वर्तमान में बृहस्पति कन्या राशि में है। कालपुरुष सिद्धान्त के अनुसार कन्या राशि छठे भाव को संबोधित करती है। कन्या राशि वैरी, विवाद, कलह, शत्रु व दुर्भाग्य को सूचित करती है। इससे भारत का पड़ोसी देशों से कन्‍फ्यूजन पैदा होगा। गुरु के कन्या में आने से देशों की धार्मिक भावनाएं आहात होंगी। इसके प्रभाव से देशों के बीच हुई संधि में दरार आएगी। बृहस्पति उत्तर पूर्व दिशा को संबोधित करता है तथा कन्या राशि पश्चिम को संबोधित करती है। वर्तमान में भारत पर लग्न गोचर के अनुसार शनि की साढ़ेसाती है। इस के साथ ही भारत की कुंडली में कालसर्प दोष भी है। इसके कारण देश में आराजकता व भीतरघात की स्थिति बनेगी।

इस गोचर से भारत को उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी व पश्चिमी देशो से समस्या होगी। इसमें से कन्या राशि प्रधान उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी व पश्चिमी देश जैसे की पाकिस्तान, तजाकिस्तान, तुर्की आदि देशों में धार्मिक व वैचारिक उन्माद पैदा होगा। भारत एक धनु प्रधान राशि वाला देश है अतः इसका प्रभाव भारत के उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी व पश्चिमी राज्य जो की कन्या, मकर, मीन व वृष राशि आधारित पर भी बड़े रूप में दिखाई देगा। जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहात होंगी। पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों पर सर्वाधिक असर पड़ेगा। इसी साल दिनांक 17.10.16 को सूर्य के तुला में आने से स्थिति ज़्यादा विकट हो जाएगी। सूर्य भारत की कुंडली में कलत्र को संबोधित करता है। सूर्य का नीच युद्ध को संबोधित करता है। दिनांक 16.11.16 तक सूर्य तुला राशि में रहेगा जिससे आतंक की प्रबल संभावना रहेगी। साथ ही मंगलवार दिनांक 01.11.16 को मंगल के मकर में आने से युद्ध की प्रबल संभावना है क्योंकि मंगल-शनि के बीच राशि परिवर्तन योग भी है।

वर्तमान में भारत-पाक के बीच युद्ध जैसे हालत बने हुए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट जगजाहिर है तथा पाक के राजनैतिक और सैन्य गलियारे गर्म हैं तथा ज्योतिषीय गणना के अनुसार दिनांक 17.10.16 से लेकर दिनांक 16.11.16 के बीच बड़ा आतंक हो सकता है तथा युद्ध जैसे हालत पैदा हो सकते हैं। अगर भारत पाक के बीच युद्ध जैसे हालत बनते हैं तो निश्चित ही भारत का पलड़ा भारी पड़ेगा तथा ऐसे हालत ज़रूर बनेंगे जिससे पाकिस्तान दुनिया की राजनीतिक तौर से पृथक हो जाएगा परंतु यह व्यापक युद्ध नहीं होगा तथा यह युद्ध भारत के पूर्वी व पश्चिमी देशों की मध्यासता से खत्म भी हो जाएगा, यहां यह इंगित किया जाए की यह ज्योतिषीय योग सम्पूर्ण युद्ध को नहीं परंतु युद्ध जैसे हालात को इंगित करता है।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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