इस समय शनि किस राशि पर हैं भारी जानिए, शुभ-अशुभ प्रभाव!

Edited By ,Updated: 29 Jul, 2016 09:44 AM

shani dev

शनि को ग्रहों में सर्वोच्च न्यायाधीश कहा गया है जो अनुचित कार्य करने वालों को समय आने पर दंड देता है। शनि को सूर्य पुत्र भी कहा जाता है परंतु

शनि को ग्रहों में सर्वोच्च न्यायाधीश कहा गया है जो अनुचित कार्य करने वालों को समय आने पर दंड देता है।  शनि को सूर्य पुत्र भी कहा जाता है परंतु जब कुंडली में यह दोनों ग्रह ,एक ही भाव में हों या परस्पर दृष्टि संबंध हो तो अनिष्ट फल देते हैं। यह वह ग्रह है जो राजा को रंक बना देता है और जमीन से आसमान पर भी ले जाता है। यह शत्रु भी है और मित्र भी।  
 
शनि किसी के जीवन में क्या फल देगा, शुभ प्रभाव होंगे या अशुभ , इसका विवेचन, कुंडली के 12 भावों, 12 राशियों, 27 नक्षत्रों, शनि की दृष्टि, उसकी गति, वक्री या मार्गी स्थिति, कारकत्व, जातक की दशा, गोचर, साढ़ेसाती या ढैय्या, ग्रह के नीच, उच्च या शत्रु होने या किसी अन्य ग्रह के साथ होने, ग्रह की डिग्री, विशेष योगों, कुंडली के नवांश आदि के आधार पर किया जाता है, केवल एक सूत्र से नहीं।  
 
शुक्र की राशि तुला में शनि उच्चस्थ होते हैं और मेष में नीचस्थ। जिस भाव में बैठते हैं उसका भला करते हैं परंतु 3री, 7वीं और 10वीं दृष्टि से अनिष्टता प्रदान करते हैं। कभी एक परिमाण से फलादेश का परिणाम नहीं देखा जाता। 
 
शनि की कुल दशा 19 वर्ष होती है और इसके अलावा साढ़ेसाती तथा दो ढैय्या का समय जोड़ा जाए तो शनि किसी के भी जीवन को लगभग 31 साल तक प्रभावित करता है। शनि 30 वर्ष में उसी राशि में पुन: लौटता है इसलिए किसी के जीवन में तीन से अधिक बार साढ़ेसाती नहीं लगती। अक्सर एक व्यक्ति 3री साढ़ेसाती के आस-पास परलोक सिधार जाता है। यही कारण है कि जीवन में अधिकतर उपाय शनि के ही किए जाते हैं।
ढैय्या 
* मेष राशि पर शनि की अष्टम ढैय्या, 2 नवम्बर 2014 से आरंभ हुई थी और लगभग अढ़ाई साल तक रहने वाली थी। अब इसका अंतिम चरण चल रहा है। इसके समाप्त होते ही इस राशि के लोगों के खर्चे कम हो सकते हैं।
 
* सिंह राशि में भी 2014 से चतुर्थ ढैय्या का आरंभ हुआ था जो 26 अक्तूबर, 2017 तक रहेगा।
 
* कुल मिला कर तुला राशि की साढ़ेसाती की अवधि 9 सितम्बर,2009 से 26 अक्तूबर 2017 तक है। वृश्चिक में इसका प्रभाव 15 नवम्बर 2011 से आरंभ हुआ है और 24 जनवरी 2020 तक रहेगा। इसी प्रकार धनु राशि की साढ़ेसाती जो 2 नवम्बर 2014 से शुरु हुई है, वह 17 जनवरी 2023 तक रहेगी।
 
कुछ खास राशियों के लिए विशेष जानकारी 
तुला राशि
तुला राशि पर शनि का यह तृतीय एवं अंतिम चरण है जो 26 जनवरी 2017 को समाप्त हो जाएगा। परंतु शनि की चाल वक्री व मार्गी होने के कारण तुला राशि वालों को इस प्रभाव से पूरी तरह मुक्ति 26 अक्तूबर 2017 को ही मिलेगी। 
वृश्चिक राशि
इस राशि पर साढ़ेसाती 15 नवम्बर 2011 को आरंभ हुई थी और 2 नवम्बर 2014 से दूसरा चरण आरंभ हुआ था। यहां शनि अपनी शत्रु राशि में नीच चंद्रमा के साथ रहेगा।
धनु राशि
धनु राशि वालों की साढ़ेसाती 2 नवंबर 2014 को आरंभ हुई थी यानी इसका प्रथम चरण चल रहा है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!