Edited By ,Updated: 01 Sep, 2016 07:35 AM
ग्रहण जैसी विशिष्ट घटनाएं वैदिक ज्योतिष के मेदिनी खंड से देखी जाती हैं। खगोलीय घटनाओं की गणनाओं हेतु शास्त्र "बृहत् संहिता" का मेदिनी
ग्रहण जैसी विशिष्ट घटनाएं वैदिक ज्योतिष के मेदिनी खंड से देखी जाती हैं। खगोलीय घटनाओं की गणनाओं हेतु शास्त्र "बृहत् संहिता" का मेदिनी ज्योतिष में अनुपम स्थान है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सिंह राशि में घटित होगा व इसी समय वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे शनि अपनी दसवीं दृष्टि से सिंह राशि में स्थित सूर्य, चंद्र और राहू से जनित ग्रहण के आरोह को प्रभावित करेंगे। इसी के साथ-साथ वृश्चिक राशि में बैठे मंगल अपनी चौथी दृष्टि से ग्रहण के अवरोह अर्थात कुंभ राशि में बैठे केतू को प्रभावित करेंगे। इस योग से दुनिया के कई देशों में 15 दिन के भीतर भूकंप, युद्ध व अग्निकांड से सरकार व प्रजा को जनधन की हानि हो सकती है।
सिंह राशि में घटित होने वाले इस ग्रहण से धनवान, राजनेताओं, प्रशासनिक सेवा से संबंधित व्यक्तियों को परेशानी होगी। इस ग्रहण से सोने व तांबे की कीमतों में थोड़ी तेजी के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी आएगी।
आचार्य कमल नंदलाल
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