Edited By ,Updated: 30 Jun, 2016 02:41 PM
बच्चे का भविष्य परीक्षा एवं परिणामों से जुड़ा होता है, जहां माता-पिता बच्चे के बौद्धिक विकास- परिपक्वता के प्रति अपने प्रयासों में कमी नहीं
बच्चे का भविष्य परीक्षा एवं परिणामों से जुड़ा होता है, जहां माता-पिता बच्चे के बौद्धिक विकास- परिपक्वता के प्रति अपने प्रयासों में कमी नहीं आने देते, वहीं बच्चे के भविष्य के सितारों के प्रति भी सजग रहते हैं।
विद्यार्थी वर्ग विशेषकर इसके प्रति उत्तेजित एवं परेशान रहते हैं। विद्यार्थी अपनी बुद्धिमता, एकाग्रता एवं स्मरणशक्ति के बल पर चाहे अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर परीक्षा में उत्तीर्ण होने का प्रयास करता है मगर उसके अभिभावक संतुष्ट नहीं हो पाते क्योंकि वह उसके भविष्य एवं अपनी बच्चे से अपेक्षित उपलब्धियों के प्रति परेशान रहते हैं।
ऊँ गं गणपतयै नम:
अथवा
बुद्धिहीन तनु जानि के सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मम हरो क्लेश विकार।।
जो विद्यार्थी गणेश जी के बीज मंत्र अथवा श्री हनुमान चालीसा की उपरोक्त लिखित चौपाई का नित्य प्रति एक माला लाल चंदन अथवा रुद्राक्ष की माला पर हनुमान जी के सामने बैठ ज्योति जला कर उनका ध्यान करता है, वह निश्चित रूप से परीक्षा में उत्तीर्ण होता है।
* इसके साथ ही विद्यार्थी नित्यप्रति 11 तुलसी के पत्ते मिश्री के साथ पीस कर सेवन करें।
* इमली के पत्ते अपने पाठ्य पुस्तकों में रखें।