Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 01:55 PM
ब्रह्मांड में लगातार नए ग्रहों की खोज हो रही है। हाल ही में एक ऐसे ग्रह का पता चला है जिस पर एक वर्ष 7 घंटे का है यानी पृथ्वी से गया इंसान यहां आकर इस अवधि में कई सौ साल का होकर ही लौट सकेगा। दरअसल, पृथ्वी पर एक वर्ष में
ब्रह्मांड में लगातार नए ग्रहों की खोज हो रही है। हाल ही में एक ऐसे ग्रह का पता चला है जिस पर एक वर्ष 7 घंटे का है यानी पृथ्वी से गया इंसान यहां आकर इस अवधि में कई सौ साल का होकर ही लौट सकेगा। दरअसल, पृथ्वी पर एक वर्ष में 365 दिन होते हैं और उसमें कुल 8,760 घंटे होते हैं जबकि कैपलर टैलीस्कोप ने जो ग्रह ढूंढा है उसमें सात घंटे होते ही वर्ष खत्म हो जाता है। इसका मतलब हुआ कि पृथ्वी के हिसाब से यहां पर 7 घंटे में ही इंसान की उम्र 1,251 वर्ष हो जाएगी। स्पष्ट है कि अगर कोई वहां से एक वर्ष बाद लौटे तो यहां के लोगों से कई शताब्दी आगे निकल जाएगा।
कैपलर टैलीस्कोप के खोजे गए इस ग्रह को अंतरिक्ष का सबसे तेज प्लैनेट कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस ग्रह का सूर्य की परिक्रमा करने का समय महज 6.7 घंटों का ही बताया जा रहा है। इस ग्रह का नाम ‘एपिक 246393474 बी’ रखा गया है। कैपलर एक ग्रह अन्वेषी यानी ‘प्लैनेट हंटिंग टैलीस्कोप’ है जो अब तक करीब 2300 ग्रहों की खोज कर चुका है। इस नए ग्रह को उसने धरती के एकदम पास ही खोजा है। 2013 में कैपलर ने ‘के-2 मिशन’ की शुरूआत की थी। यह ग्रह धरती से लगभग 45 गुना बड़ा बताया जा रहा है। इस ग्रह में भारी पत्थर मौजूद हैं जिनमें 70 प्रतिशत तक आयरन होने की संभावना व्यक्त की गई है। वैज्ञानिकों की मानें तो स्टैलर रेडिएशन के चलते यहां का वातावरण इंसानों के रहने योग्य नहीं है इसलिए पृथ्वी के करीब होने के बावजूद इसे मानवीय कालोनी के तौर पर विकसित करने की संभावना नहीं है।
इस ग्रह के बारे में अभी तक प्रमाणिक तौर पर यह पता नहीं चल पाया है कि एक दिन कितने घंटे का होगा। अभी तक ट्रैक किए दिन प्रतिवर्ष से केवल इतना स्पष्ट हुआ है कि यहां 7 घंटे का एक वर्ष होगा। फिलहाल वैज्ञानिक इस ग्रह पर शोध कर रहे हैं।