Edited By ,Updated: 05 Feb, 2016 03:55 PM
भारत में वास्तुशास्त्र और चीन में फेंगशुई बहुत प्रचलित हैं। दोनों विद्याओं का उद्देश्य प्रकृति में अवस्थित नकारात्मक ऊर्जा का नाश करना और सकारात्मक ऊर्जा का सुधड़ता से उपयोग करना है।
भारत में वास्तुशास्त्र और चीन में फेंगशुई बहुत प्रचलित हैं। दोनों विद्याओं का उद्देश्य प्रकृति में अवस्थित नकारात्मक ऊर्जा का नाश करना और सकारात्मक ऊर्जा का सुधड़ता से उपयोग करना है। इनमें हमारे दैनिक जीवन से संबंधित बहुत सारी ऐसी क्रियाओं का वर्णन किया गया है जिन्हें अनजाने में हम करते हैं और उसका दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्हीं क्रियाओं में एक है नींद के आगोश में जाना।
सोने से पहले सही समय और स्थान का चयन करना बहुत अवश्यक है। रात को जल्दी सोना सुबह भोर होते ही बिस्तर का त्याग कर देना चाहिए। शाम के समय कभी नहीं सोना चाहिए इससे घर में अन्न और धन की कमी होती है।
फेंगशुई के अनुसार यदि हम गलत दिशा में सोते हैं तो बहुत सारे रोग शरीर को आ कर घेर लेते हैं। बेडरूम के दरवाजे के सामने नहीं सोना चाहिए। इससे उम्र घटती है स्त्री हो या पुरूष निकास द्वार के सामने सोकर स्वयं अपने लिए यम के द्वार जाने का रास्ता बनाते हैं। सोने से पहले ध्यान रखें अन्यथा जीवन शीघ्रता से नष्ट हो जाता है।