Edited By ,Updated: 22 May, 2016 11:11 AM
ईश्वर की आराधना का प्रसंग हो या सुगंधित इत्र का इस्तेमाल, फूल ही इनका आधार होते हैं। प्रेम प्रसंग हो या अचूक औषधियों का निर्माण, फूल
ईश्वर की आराधना का प्रसंग हो या सुगंधित इत्र का इस्तेमाल, फूल ही इनका आधार होते हैं। प्रेम प्रसंग हो या अचूक औषधियों का निर्माण, फूल अपनी जिम्मेदारी अवश्य ही निभाते हैं। आखिरी विदाई भी पुष्पांजलि द्वारा ही दी जाती है।
रंग-बिरंगे फूलों को घर में लाना और उनसे घरों को सजाना हमारा प्रचलन बनता जा रहा है। फूलों को हम घर लेकर आते हैं और इनकी सुगंध से घर के वातावरण को सुगंधित बनाते हैं किन्तु कभी-कभी हम मुर्झाए एवं सूखे फूलों को भी अधिक दिनों तक घर में रखे रखते हैं परंतु इससे हमें अनेक हानियां हो सकती हैं।
सूखे फूल अकाल-मृत्यु, मंगलदोष वद्धक विवाहादि विलंब के कारण तथा अनेक रोगों के माध्यम से घर में उत्पात मचाने वाले होते हैं। अतएव सूखे फूलों को घर में रखना अनिष्टकारी माना जाता है।
"शुष्कपुष्पाणि यत्रस्यात्
अकालमृत्युवद्र्धनम्।
मंगलदोषादिवद्र्धनान्तम्,
रोग: शोक: समाहित:।।"