Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Apr, 2018 03:02 PM
तमन्ना है कि हम भारतवासी इस तस्वीर के आगे झुक जाएं वीर-गाथा पढ़ने भगत की इतिहास के पन्ने फिर पलटाएं i १३ अप्रैल ,सन् १९१९ को, जलियाँवाला कैसा काण्ड हुआ छोटी उम्र के नौजवान...
तमन्ना है कि हम भारतवासी
इस तस्वीर के आगे झुक जाएं
वीर-गाथा पढ़ने भगत की
इतिहास के पन्ने फिर पलटाएं i
१३ अप्रैल ,सन् १९१९ को,
जलियाँवाला कैसा काण्ड हुआ
छोटी उम्र के नौजवान को
कितना गहरा आघात लगा ii
१४ बरस की उम्र थी महज़ ,
इश्के-वतन परवान चढ़ा
ज़ुल्मों-सितम की इन्तहां हुई
जुनून न फिर भी खत्म हुआ i
त्यागी,सेवक,पीड़ा सह सकने वाले
युवकों को तैयार किया
तभी से लायलपुर [पंजाब] का तारा
आँख अंग्रेजों की चढ़ गया ii
सेन्ट्रल असेंबली में क्रांतिकारी ने,
क्रान्ति के इरादे से बम फेंका
न किसी को नुक्सान तनिक हो
उसके संस्कारों ने ध्यान रखा ii
पीछे पड़ी पुलिस ने उसे
तुरत ही गिरफ्तार किया
कंकड़-पत्थर की रोटी दे कर
भूखा उसको मार दिया ii
भूख में तड़पते भगतसिंह ने
इंकलाब का नारा दिया
बहरी हुकूमत के कानों को आवाज़ सुने
पूरा ज़ोर लगा दिया ii
सोचा था अंग्रेजों ने
भूखा रह कर मर जाएगा
अंदाजा नहीं था यह उनको
कि वह भूखा शेर बन जाएगा ii
बढ़ता हौंसला देख भगत का
पसीना उनका छूट गया
आनन-फानन में निर्दोष जवाँ को
फांसी का फरमाँ सुना दिया
ठुकरा कर के माफ़ीनामा
मौत का फंदा क़ुबूल किया
आन्दोलन तेज़ हो
इस मकसद से
हंस कर उसको चूम लिया ii
भारी तैदात में जन-सैलाब
एकाएक जब उमड़ गया
अंग्रेजों ने २४ की जगह , २३ की रात ही
फांसी पर लटका दिया ii
ज़ार-ज़ार बहते आंसू
माँ विद्या के वह पोंछ गया
मत रो, लाल तेरे बहुतेरे माता
गीत जाते चला गया ii
आज जो हम जी रहे हैं
आसाँ नहीं थी यह आज़ादी
भगतसिंह से कईं युवाओं ने
कुरबां की थी भरी जवानी ii
नहीं हिम्मत है गर कुछ करने की
कम से कम,
देश संजो कर तो रख सकते हैं
विभाजन न हो फिर इसका
इतना तो जतन कर सकते हैं
यह भी न हो गर हम से तो
एक शब्द, केवल और केवल एक
निरूपमा गर्ग