Edited By Riya bawa,Updated: 27 May, 2020 04:10 PM
मुझे भी आज लिखने का एक मुद्दा मिला है
जाने क्यों इस सदी में करोना फूल खिला है
खिलते खिलते इसकी तादाद...
मुझे भी आज लिखने का एक मुद्दा मिला है
जाने क्यों इस सदी में कोरोना फूल खिला है
खिलते खिलते इसकी तादाद अब बढ़ रही है
जाने क्यों हर जिंदगी दहशत में ही खड़ी है
डर इसका दुनिया में हर तरफ फैल रहा है
छूने छुहाने का खेल साथ हमारे खेल रहा है
वाह रे कोरोना तू सबको वक्त में ही नचा गया
भाग रही जिंदगी में एक ठहराव सा ला गया
जाने क्यों तुझको इतना बुरा मान रहे हैं सब
कहती है मनजोत परिवार को करीब ला गया
वक्त ना था कभी अपनों के पास अपनो के लिए
आज अपनों की अहमियत कोरोना बता गया
(मनजोत कौर)