Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Apr, 2018 03:05 PM
नारीत्व संस्थान द्वारा स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए खास प्रॉसथिसेस ब्रा स्तन कैंसर पीड़ित से पीड़ित मरीजों (breast cancer patients) को खास तरह की ‘प्रोस्थेटिक ब्रा’ (Prosthetic Bra) मुफ्त में उपलब्ध करा रही हैं। महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय...
नारीत्व संस्थान द्वारा स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए खास प्रॉसथिसेस ब्रा स्तन कैंसर पीड़ित से पीड़ित मरीजों (breast cancer patients) को खास तरह की ‘प्रोस्थेटिक ब्रा’ (Prosthetic Bra) मुफ्त में उपलब्ध करा रही हैं। महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के कैंसर रोग विभाग अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र कुमार राठौड़ ने बताया कि नारीत्व संस्थान द्वारा एम.बी.हॉस्पिटल में स्तन कैंसर व बच्चेदानी का कैसर से ग्रस्त महिलाओं के लिये प्रॉसथिसेस ब्रा वैजाइनल डायलेटर निशुल्क उपलब्ध करा रही है स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाएं बीमारी से ज्यादा सर्जरी की बात से घबरा जाती हैं, क्योंकि उन्हें नारित्व खोने का डर सताता है।
ऐसी कैंसर पीडि़त महिला मरीजों को मुफ्त स्पेशल ब्रा उपलब्ध कराकर नारीत्व संस्थान उनका आत्मविश्वास लौटा रही है। यह स्तन कैंसर पीडि़तों को ध्यान में रखकर ही खासतौर पर डिजाइन की जाती है। इसका इस्तेमाल करने के बाद कैंसर पीडि़त महिलाएं आत्मविश्वास के साथ सामान्य जीवन जी पाती हैं। श्रीमती ज्योति चौहान ने बताया कि महिलाओं में सबसे अधिक स्तन कैंसर के मामले होते हैं। बीमारी के कारण कई बार स्तन निकालना भी पड़ता है। यह किसी भी महिला के लिए मानसिक तौर पर बहुत बड़ी समस्या बन जाती है। इससे उनका आत्मविश्वास कम होता ही है, वे तनावग्रस्त भी हो जाती हैं। ऐसे में आर्टिफिशल स्तन यानी प्रॉसथिसेस ब्रा के इस्तेमाल से उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है।
स्तन कैंसर पीड़ित महिलाएं सर्जरी के बाद शर्म महसूस करने लगती हैं। इसे ध्यान में रखकर ऐसे स्पेशल ब्रा व प्रोस्थेसिस आ रहे हैं, जो सर्जरी के बाद असहज महसूस नहीं होने देते। यह चीजें बाजार में उपलब्ध नहीं है। हालांकि बाजार में इस खास तरह की ‘प्रोस्थेटिक ब्रा’ (Prosthetic Bra) जो सिलिकॉन की बनी होती है, वो साढ़े आठ हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये के बीच मिलती है। देश में इस वक्त केवर 10 प्रतिशत महिलाएं ही ‘प्रोस्थेटिक ब्रा’ (Prosthetic Bra) का इस्तेमाल कर रही हैं। ज्यादातर पीड़ितों को इसके बारे में जानकारी भी नहीं है। इसलिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीज खुद से खरीद पाने में सक्षम नहीं है।