Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Apr, 2018 01:28 PM
आज कौवे की कां कां, दादे के काफिले की याद दिलाएं। जब पैदल ही सब काम हो जाते, Desi Lifestyle का दौर था, लाइट जाने पर रात को तारे...
आज कौवे की कां कां, दादे के काफिले की याद दिलाएं।
जब पैदल ही सब काम हो जाते,
Desi Lifestyle का दौर था,
लाइट जाने पर रात को तारे गिन सो जाते।
शायद कौवे को इल्म नही, वक्त का Climate Change हुआ।
ना ही वो घर और Desi Lifestyle रहा,
ना ही वो सोच के लोग और पर्यावरण।
Life हो गई Superfast, टाइम नहीं किसी के पास,
भूल गए सब आस पड़ोस रिश्ते नाते,
गुम हुए किस दौड़ में।
कभी बैलगाड़ियों के काफिले,
मिट्टी में जो चलते, पर बातें जमीनी करते।
अब तो काफिले कारों के, ट्रैफिक जामो के,
बातें हवा में जो करते।
कभी-कभी लगता ये कारों के काफिले तो नहीं,
कर रहे जो युवा पीढ़ी को सभ्याचार से गुमराह।
पर Deepak Bathian वाले के 100 साल के पिता जी(दादा जी),
Geyser, AC बात Artificial Life की,
आज भी ठंडे पानी से नहाते,
खुले आंगन हवा में सोते हैं।
जो दे रहे उस काफिले की मिसाल
आज के Mobile युवाओं को।
दीपक कौशल
9891949192