Edited By Riya bawa,Updated: 25 May, 2020 12:30 PM
विपदा ऐसी आई हैं, बंद हुए मंदिरो के भी पट
भुखमरी से हर प्राणी के सर ,विपदा आ गयी हैं निकट
हिंसा की राह पर चलने की, सजा पा गिर...
विपदा ऐसी आई हैं, बंद हुए मंदिरो के भी पट
भुखमरी से हर प्राणी के सर ,विपदा आ गयी हैं निकट
हिंसा की राह पर चलने की, सजा पा गिर रहे आँसू
लेके जान अनेको की, बन रही हैं प्रतिदिन ये विकट
प्रकृति से खिलवाड़ का , जग भुगत रहा बुरा अंजाम
महामारी हर दिशा में फ़ैल के , दे दुखद परिणाम
घरों में कैद होकर मनुष्य , जिंदगी की करें आस
पृथ्वी पर हर जीव - प्राणी का हक़ , दे ये पैगाम
मिटा कर भूल क्षमा करो , पाप हुए हैं जो भी भगवान
शक्ति देकर समाधान मिले, पा सके सभी मौकाम
( यश जैन )