Edited By Riya bawa,Updated: 27 Jun, 2020 03:15 PM
उर में उमंग व उल्लास की लहरें,
झकझोर रहीं हैं मन को
दे रहीं हैं जन्म ,...
उर में उमंग व उल्लास की लहरें,
झकझोर रहीं हैं मन को
दे रहीं हैं जन्म ,
लालसा एवं तीव्र जिज्ञासा को ,
जीवन में कुछ करने को ,
प्रेरित कर रहीं हैं
पथ पर अग्रसर होने को |
पी जाऊं ज्ञान सरिता ,
बुझाऊँ अपनी ज्ञान पिपास
और फिर बढ जाऊं आगे,
अर्जित ज्ञान से करूँ प्रकाशित
सभी के जीवन को,
कर सकूँ मानव उत्थान,
बहा सकूँ प्रेम एवं ज्ञान की गंगा,
दूर कर सकू द्वेष भावना
चेहरों पर सभी के हो मुस्कान,
शांति और सौहार्द का हो साम्राज्य |
हे माँ सरस्वती दे मुझे वरदान,
संकल्प हो मेरा पूरा,
सफल हो जीवन मेरा,
पूरी हो मेरी अभिलाषा,
पूरी हो मेरी अभिलाषा,
हे माँ सरस्वती दे मुझे वरदान,
तुझे कोटि कोटि प्रणाम ||
(भगवान दास मोटवानी)