Edited By Tanuja,Updated: 31 Dec, 2018 01:54 PM
नहीं रे मन मैं हारा नहीं हूँ ...
नहीं रे मन
मैं हारा नहीं हूँ
बस कुछ देर रुका हूँ
अन्तर्मंन की तलाश में ..
संभलना चाहता हूँ
कुछ देर ठहर कर
सिर्फ आस में बस आस में ..
नहीं रे मन
मैं हारा नहीं हूँ *
ले देख तोड़ कर मेरा होंसला
मैं पत्थर जैसा हो जाऊँगा ..
तुम ज़ितना तोड़ना चाहोगे
मैं उतना मजबूत होता जाऊँगा ..
कौन कहता है मैं सह नहीं सकता
मैं इंसान हूँ पर बेचारा नहीं हूँ ..
नहीं रे मन
मैं हारा नहीं हूँ **
मैं फिर से उठूँगा
एक नए सफर के साथ ..
मैं फिर से तलाशूँगा
एक नयी मंजिल को ..
मैं तो चाँद हूँ वो भी बेदाग
मैं कोई टूटा हुआ तारा नहीं हूँ ..
नहीं रे मन
मैं हारा नहीं हूँ ***
नहीं रे मन
मैं हारा नहीं हूँ ***