Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 May, 2018 04:36 PM
फ्रांस की समाजसेविका डॉ जेनी पेरे उर्फ मम्मी जी ने कहा है कि न्यायालय पर उन्हें भरोसा है और न्यायालस के फैसले का वे तहे दिल से सम्मान करेंगी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लाए गए परिवाद पत्र में आरोप गठित किया जाना एक न्यायिक प्रक्रिया है, अभी फैसला...
फ्रांस की समाजसेविका डॉ जेनी पेरे उर्फ मम्मी जी ने कहा है कि न्यायालय पर उन्हें भरोसा है और न्यायालस के फैसले का वे तहे दिल से सम्मान करेंगी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लाए गए परिवाद पत्र में आरोप गठित किया जाना एक न्यायिक प्रक्रिया है, अभी फैसला आना बाकी है। लेकिन जिस तरह से इसे प्रचारित किया जा रहा है वह मुझे हतोत्साहित करने की साजिश है। उन्होंने कहा की उनके लिए सबकुछ वे बच्चें हैं जिनका वो जीवन संवार रही है। तमाम झंझावतों के बाद भी उन्हें असीम सुख मिलती है जब वो बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखती है। मम्मी जी ने कहा की यही उनके द्वारा वर्षों तक किए जाने वाले मेहनत की कमाई है।
मम्मी जी ने कहा कि बोधगया में न तो उनका कोई रिश्तेदार है और न तो किसी प्रकार की संपत्ति है। किराए के मकान में रहकर वो अपने काम में लगी रहती है। उन्होंने कहा की गैरसरकारी संस्थाओं को व्यवसाय बनाने वाले बोधगया के एक दबंग परिवार के लोग नही चाहते है उसमें में मुझे दूध की मक्खी की तरह निकाल दिया गया और सिर्फ इसलिए की जानकारी मिलने के बाद राशि का दुरूपयोग और उनके अय्याशी पर रोक लगा दी थी। उन्हें गलतफहमी थी की ऐसा होने के बाद में यहां से भाग जाउंगी। लेकि ऐसा नहीं हुआ। कुछ अच्छे लोगों के सहयोग से मैंने फिर से अपना काम जीरो से शुरूआत की। लोगों के सहयोग से एक बार पुनः अपना मुकाम हासिल करने लगी तो अब साजिश के तहत मुझे हतोत्साहित करने की कोशिश की जा रही है।
मेरे खिलाफ परिवाद पत्र लाने वाले आनंद विक्रम की संपत्ति की जांच होनी चाहिए यह भी जांच होनी चाहिए की उस परिवार के कितने सदस्यों के द्वारा अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाएं चलाई जा रही है। बोधगया के गरीब बच्चों के नाम पर दुनिया के कई देशों के नागरिकों द्वारा अकेले उस परिवार में कितना पैसा आ रहा है और उन पैसों के किस तरह निजी संपत्ति खड़ा किया जा रहा है।
मैं तमाम लोगों से करबद्ध अपील करना चाहती हूं कि सच्चाई की इस लड़ाई में साथ दें। मैं काफई बृद्ध हो चुकी हूं बस एक ही इच्छा है कि जीवन के अंतिम समय में भी अपना नेक काम करते रहूं। उम्मीद है कि आप मेरा साथ देंगे।