Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 May, 2018 01:22 PM
मेरे घर के सामने बने पार्क में पकोड़ा चिंतन चल रहा था । मैं अचंभित था - चिंतन तो प्रभू का होता है और प्रभू मिलन तो केवल बाबा ही करा सकते हैं । देश के अधिकांश बाबा फिल्हाल जेल में हैं । चिंतन कैसे हो सकता है ! चिंतन में मुझे भी बुलाया गया था। दुबे जी...
मेरे घर के सामने बने पार्क में पकोड़ा चिंतन चल रहा था । मैं अचंभित था - चिंतन तो प्रभू का होता है और प्रभू मिलन तो केवल बाबा ही करा सकते हैं । देश के अधिकांश बाबा फिल्हाल जेल में हैं । चिंतन कैसे हो सकता है ! चिंतन में मुझे भी बुलाया गया था। दुबे जी मुझे लेने आये थे । मैं खुश हआ । कोतूहलता को पीछे छोड़ दिया । मैं मोहल्ले का विवेकानंद हूं । फर्क केवल इतना है कि उन्हें बाहर ख्याति मिली और मुझे घर पर मिल रही है । घर का ज्ञानी विदेशी ज्ञानी से ज्यादा स्ट्रांग होता है । मौका पड़ने पर वह शेर हो सकता है । यहॉं लोगों का मानना है कि मेरा रसूखदारों से लिंक है। मैं आम को इमली करवा सकता हॅूं । तपती धूप में ओले गिरवा सकता हूं । वैसे भी अंधों का राजा काना ही होता है । मैंने बीवियों की तरह बनावटी नखरा करते हुये कहा - ‘दुबे जी इस परिचर्चा में मुझे न घसीटो । परसों गुप्ता जी ने अपनी शादी की सालगिरह में बुला लिया था और वहॉं मेरे मुंह से गुप्ताइन की तारीफ निकल गई।‘ मैंने कहा -- ‘भाभी जी आज तो कयामत ढ़ा रही हैं । बनारसी डिजाइनर साड़ी और उस पर नौ लखा हार ! आज किसकी तपस्या भंग करने का इरादा है ?‘ छड़ों की अक्सर जबान फिसल जाती है ।
गुप्ताइन फूल कर कुप्पा हो गईं जैसे बिल्ली को छींका दिख गया हो । वे हल्की सी मुस्कराई्र । राय साहब गिरते - गिरते बचे। मैंने उन्हें संभालते हुये कहा - ‘राय साहब यहॉं नहीं । भाभी जी देख रहीं हैं ।‘ उन्होने पीछे घूमकर देखा , पत्नी दांत पीस रही थी - ‘कुछ तो शर्म करो । पोता आने वाला है और तुम्हारी लंपटता अभी तक नहीं गई । तुमघर तो चलो , तुम्हें मैं देखती हूं ।‘ राय साहब झेंपते हुये कुर्सी के नीचे अपनी बत्तीसी ढ़ूंढ़ने लगे । मैं मैदान में थोड़ा औरआगे बढ़ा - ‘भाभी जी , आपके प्लाश जैसे लाल - लाल होंठ और उस पर यह अनार के दानों जैसे दांत और हाय यह मादक मुस्कराहट । भाभी जी कत्ल का सारा सामान लेकर आईं हैं ! लगता है , आज यहॉं से कोई जीवित नहीं जा पायेगा ।‘ राघे ने चुटकी ली - ‘भाभी जी देखना , गुप्ता जी हार्ट के मरीज़ हैं । अब और नहीं संभाल पायेंगे । यहॉं केवल हम ही सौ फीसदी स्वस्थ हैं ।‘ मिस्राइन से काली कलुटी गुप्ताइन की तारीफ न सुनी गई । उनकी सुंदरता की चर्चा पूरे शहर में थी । वे किटटी पार्टीज़ की सबसे हॉट मॉडल थीं ।