Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Feb, 2020 10:58 AM
फिर से निकलेंगे चुनावी मेंढक इस चुनाव में, वो घोषणाओं के पुल बांधेंगे, लोगो को लालच देकर बहलाएंगे और फुसलाएंगे, सभी जाति-धर्मों के लोगों से अलग -अलग मिलकर
फिर से निकलेंगे चुनावी मेंढक इस चुनाव में,
वो घोषणाओं के पुल बांधेंगे,
लोगो को लालच देकर बहलाएंगे और फुसलाएंगे,
सभी जाति-धर्मों के लोगों से अलग -अलग मिलकर
उनका दुखड़ा गाएंगे,
नीले सियार के वेश में आकर खुद को शेर बताएंगे,
चुनाव जीतने के लिए ये दंगा भी करवाएंगे,
फिर से होंगे नए-नए वादे, जुमले जुमलों का अंबार लगेगा
झूठ फरेब की बातों से कालनेमि का दरबार सजेगा,
जो अभी तक भेड़ियों जैसे मौन थे!
वो रावण जैसे चीखेंगे और चिल्लाएंगे,
खुद को आवाम का हितैषी भी बताएंगे,
चुनाव जीत कर ये फिर से पांच साल के लिए
चूहे के बिल में घुस जाएंगे।
सोच समझ कर वोट करना गर तुमको राष्ट्र बचाना है।
अपने नागरिक होने का तुमको फर्ज निभाना है।।
विकास कुमार गिरि