Edited By vasudha,Updated: 17 Jul, 2019 06:25 PM
हालात कैसे भी हों मुसकुराना ही है.. अंधेरा जितना भी हो
हालात कैसे भी हों
मुसकुराना ही है..
अंधेरा जितना भी हो
रोशनी को आना ही है..
अभी दीवार सी है कठोर कोई
जिसे एक दिन टूट जाना ही है..
मुकाम बुलंद हौंसलौं तक का रखा है
जैसै तैसे कर के अब निभाना ही है..
हालात कैसे भी हों
मुसकुराना ही है..।। (दीप्ति कपिला)