Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 10:33 AM
छेड़ा जो उन्होंने ज़ कहीं , धड़कन में होने लगी झंकार सी। रूह को तश्नगी औ आरजू को जिस्त , ख्वाबो की दुनिया में आई बहार सी। दोहराया गया...
छेड़ा जो उन्होंने ज़ कहीं ,
धड़कन में होने लगी झंकार सी।
रूह को तश्नगी औ आरजू को जिस्त ,
ख्वाबो की दुनिया में आई बहार सी।
दोहराया गया इश्क-ऐ-फ़साना जब ,
यादों की शेहनाई कर उठी पुकार सी
जिंदगी ने ली अंगड़ाई भुलाकर गम,
सारी परेशानियां उड़ गयी गुबार सी।
उनकी आवाज़ के सहारे तय है उम्र का सफ़र,
तसव्वुर में जब वह हैं मस्ती रहेगी खुमार सी .
अनु सलाम करती है इस अज़ीम फनकार को,
दुआ के साथ ,सलामत रहे यह आवाज़ मिश्री सी।
ओनिका सेतिया "अनु"