Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jan, 2019 03:55 PM
कृषि जिंसों की कीमत और मांग के सटीक आकलन के लिए केंद्र सरकार अमेरिका की तर्ज पर एक व्यवस्था विकसित करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। खरीफ के अगले मौसम से कुछ चुनिंदा कृषि
नई दिल्लीः कृषि जिंसों की कीमत और मांग के सटीक आकलन के लिए केंद्र सरकार अमेरिका की तर्ज पर एक व्यवस्था विकसित करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। खरीफ के अगले मौसम से कुछ चुनिंदा कृषि उत्पादों की कीमत और मांग के पूर्वानुमान के लिए यह व्यवस्था शुरू हो सकती है। यह नियमित अंतराल में जारी किया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए एक तकनीकी सलाहकार समिति का गठन कर दिया गया है और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान (एनएआईपी) को नॉलेज पार्टनर बनाया गया है। एनएआईपी कृषि जिंसों की कीमत और मांग की सटीक भविष्यवाणी के लिए मंडी में आवक और अंतरराष्ट्रीय रुझानों के साथ विभिन्न स्रोतों से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल कर एक मॉडल विकसित करेगा। इसके लिए वह देश के 14 बड़े कृषि विश्वविद्यालयों के साथ करार कर चुका है।
एगमार्केट.एनआईसी.इन जैसे द्वितीयक स्रोतों से मिले कीमत के आंकड़ों, जमीनी सर्वेक्षणों और दूसरे स्रोतों के इस्तेमाल से कीमत और मांग का सटीक अनुमान लगाएगा।' यह व्यवस्था खरीफ के अगले मौसम से कुछ चुनिंदा फसलों के लिए लागू होगी और मॉडल की सफलता के आधार पर धीरे-धीरे सभी फसलों को इसके दायरे में लाया जाएगा। शुरुआती चरण में यह पूर्वानुमान राष्ट्रीय स्तर पर कीमत और मांग तक सीमित रह सकती है और बाद में क्षेत्रीय स्तर पर अनुमान जारी किए जाएंगे।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक शुुरुआत में यह पूर्वानुमान सरकारी अधिकारियों और मंत्रालयों के साथ साझा किया जाएगा ताकि वे इसके मुताबिक अपनी योजनाएं बना सकें। अधिकारी ने कहा, 'इस प्रक्रिया के स्थापित होने और मॉडल का अच्छी तरह परीक्षण होने के बाद इसे किसानों और दूसरे पक्षों के साथ रियल टाइम बेसिस पर साझा किया जाएगा ताकि वे आगे की योजना बना सकें। हम ऐसी व्यवस्था की तरफ जाएंगे जहां किसानों को बता सकें कि उन्हें कौन सी फसल बोनी है और कौन सी नहीं।'
यह भी ध्यान रखा जाएगा कि प्रमुख फसलों बुआई सत्र से पहले सरकार के कीमत और मांग पूर्वानुमान का दुरुपयोग न हो। अमेरिका का कृषि विभाग अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय आंकड़ों के आधार पर कई कृषि उत्पादों की कीमत और मांग का पूर्वानुमान जारी करता है। इससे अमेरिका और दूसरे देशों के किसानों को भी फसल के बारे में फैसला लेने में मदद मिलती है। हालांकि इससे पूर्व भी 2011 में पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने प्रमुख फसलों की आपूर्ति और मांग तथा कीमत के पूर्वानुमान की विस्तृत मासिक रिपोर्ट बनाने के लिए नैशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च के साथ एक समझौता किया था।